-टेनरियों के लिए 20 एमएलडी इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट का होगा निर्माण

-जनरल और इंडस्ट्रीयल सीवरेज का अलग-अलग निस्तारण होगा, पुराने एसटीपी भी होंगे अपग्रेड

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KANPUR : नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत शहर में गंगा को निर्मल बनाने के लिए 1,200 करोड़ से ज्यादा की योजनाएं क्रियान्वित होंगी। 581 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही उमा भारती ने 15 दिनों में 700 करोड़ की लागत से लेदर क्लस्टर के लिए ईटीपी निर्माण की घोषणा भी की, जिसके तहत टेनरियों व स्लॉटर हाउसेस से निकलने वाले इफ्लूएंट के जीरो डिस्चार्ज को सुनिश्चित ि1कया जाएगा।

अक्टूबर 2018 तक पूरे होंगे कार्य

नमामि गंगे मिशन के एमडी रजत भार्गव ने बताया कि सीसामऊ समेत जिन 5 नालों के इंटरसेप्शन व डायवर्जन का काम होगा, उन्हें बिनगवां और जाजमऊ में एसटीपी से जोड़ा जाएगा। इसके लिए उन्हें भी नई तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनरल और इंडस्ट्रीयल दोनों तरह के सीवरेज को अलग-अलग ट्रीट किया जाएगा। यह काम अक्टूबर 2018 तक पूरे हो जाएंगे। वहीं नए ईटीपी व अपग्रेड होने के बाद एसटीपी के मेंटेनेंस को लेकर उन्होंने बताया कि शुरुआती सालों में इसका निर्माण करने वाली कंपनी ही उसका मेंटेनेंस भी करेगी। वहीं इसी चीज को लेकर उमा भारती ने जिम्मेदारी राज्य सरकार व लेदर इंडस्ट्री की बताई।

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खुदाई के लिए रहिए तैयार

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत शहर में फिर से कई सौ किलोमीटर सीवर लाइनें डालने व पुरानी लाइनों के मेंटेनेंस का कार्य शुरू होगा। इसके लिए दोबारा सड़कों की खुदाई की जाएगी। जेएनएनयूआरएम के तहत पहले से ही चल रहे कार्यो के साथ इससे कैसे सामंजस्य होगा इसको लेकर कोई साफ जवाब नहीं मिला।

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हर गांव को 15 लाख की सहायता

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा किनारे के गांवों में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने भाषण के दौरान कहा कि इसके लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज से कई एमओयू जल्द ही साइन किए जाएंगे। इसके अलावा ऐसे बीजों का विकास किया जाएगा, जिन्हें कम पानी की जरूरत पड़े। मिशन एमडी रजत भार्गव ने बताया कि इसके लिए हर गांव को 15 लाख रुपए की सहायता मुहैया कराई जाएगी और किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।