कानपुर (ब्यूरो) एसआईटी ने मामले में गिरफ्तार बैंक मैनेजर समेत चार आरोपियों को जेल भेज दिया। डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने जानकारी दी कि प्राइवेट कंपनी के लॉकर तोडऩे वाले कर्मचारी चंद्रप्रकाश ने लॉकर से चोरी की गई ज्वैलरी को बेच जो रकम पाई थी। उससे अपनी पत्नी के नाम पर तीन एफडीआर करा दी थीं। इसे भी बरामद किया गया है। इसके अलावा लॉकर से चोरी किया गया 300 ग्राम के करीब सोना अभी तक बरामद किया है। आरोपियों से पूछताछ में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। मामले में आरोपियों से आगे भी पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड ली जाएगी।

सितंबर में तोड़े लॉकर
डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने जानकारी दी कि बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर राम प्रसाद, प्राइवेट कंपनी का लॉकर तोडऩे वाला कर्मचारी चंद्रप्रकाश व दो अन्य कर्मचारी करन व राकेश को अरेस्ट किया है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 में चंद्रप्रकाश, करन और राकेश ने बैंकों के लॉकर तोड़े थे। इसके अलावा सितंबर में भी एक बार यह लोग ब्रांच में डिएक्टिवेट लॉकर्स के नाम पर कुछ लॉकरों को खोलने आए थे। अब तक कुल 5 बार लॉकर खोले गए। जबकि सिटी में दूसरे बैंकों में 2018 के बाद से डिएक्टिवेट लॉकर्स को नहीं खोला गया है।

रिश्तेदारों की संपत्तियों की जांच
डीसीपी ईस्ट ने बताया कि आरोपी चंद्रप्रकाश की पत्नी के नाम पर तीन एफडीआर बरामद की गई हैं। जोकि सोना बेचकर जो रुपया मिला था। उससे बनवाई गई थी। इसके अलावा आरोपियों के अन्य रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी जांच कराई जा रही है। उनके बैंक खातों की डिटेल्स चेक की जा रही है। चूंकि केस 4 महीने पुराना है। ऐसे में आरोपियों ने जेवर बेच कर मिले काफी रूपए का इस्तेमाल भी किया है। इस वजह से कीमती सामान की रिकवरी में देरी हो रही है।


लॉकर रूम इंचार्ज की तलाश तेज
सेंट्रल बैंक की कराचीखाना ब्रांच में लॉकर तोड़ माल गायब करने के मामले में बैंक के लॉकर रूम इंचार्ज की भूमिका भी आरोपियों से पूछताछ के बाद साफ हो गई है। आरोपियों ने जानकारी दी है कि जो कीमती सामान लॉकरों से मिला। उसका एक बड़ा हिस्सा लॉकररूम इंचार्ज शुभम मालवीय के पास भी है। जोकि गायब चल रहा है। पुलिस उसकी लोकेशन का पता लगा रही है और उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं।