हनीफा साफी अफगानिस्तान के लाघमान प्रांत में महिला मामलों के मंत्रालय की क्षेत्रीय प्रमुख थी। वे सार्वजनिक तौर पर बिना सिर पर कपड़ा लिए, इस्लामी रूढिवादियों का विरोध करने के लिए जानी जाती थीं।

अफगानिस्तान में इस्लामी चरमपंथी सरकारी अफसरों को तो अक्सर निशाना बनाते हैं लेकिन ऐसा कम ही होता है कि महिला अधिकारियों को चरमपंथी निशाना बनाएँ। हालाँकि किसी चरमपंथी गुट ने फिलहाल इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

गौरतलब है कि हाल में एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें तालिबान को एक महिला को सार्वजनिक तौर पर गोली मारते हुए दिखाया गया है। वीडियो में एक महिला सिर ढँके हुए बैठी दिखाया गया जो न तो भागने की कोशिश कर रही थी और न ही जान बचाने के लिए गिड़गिड़ा रही थी। ये वारदात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से लगभग सौ किलोमीटर ही दूर हुई और इसकी वजह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है।

महिलाओं को हक दिलाने का संघर्ष

पूर्वी अफगानिस्तान के लाघमा प्रांत में हनीफा साफी की हत्या की घटना के बारे में पुलिस का कहना है कि जब वे अपने घर से कार में निकलीं तो कार में लगाए गए एक बम धमाके में उनकी मौत हो गई और उनके पति और बेटी इस घटना में घायल हो गए। प्रांत के महिला मामलों की क्षेत्रीय प्रमुख के तौर पर वे कई सालों से महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिए जाने के लिए संघर्ष कर रही थीं।

काबुल में मौजूद बीबीसी संवाददाता डेविड लॉयन के अनुसार, "वे कट्टरपंथी इस्लाम समर्थकों का विरोध करते हुए अपने सिर पर कपड़ा लिए बिना सार्वजनिक तौर पर घूमती थीं। हो सकता है कि इसी कारण से तालिबान की नजरों में आ गई हों। ये घटना दर्शाती है कि कई अफगान महिलाएँ कितनी खतरनाक स्थितियों में जीवन व्यतीत करती हैं."

डेविड लॉयन के अनुसार, "ऐसा उस घटना के एक हफ्ते बाद हुआ है जिसमें कथित तौर पर अपने पति को छोड़कर भागी एक महिला की सार्वजनिक तौर पर गोलियाँ मारकर हत्या करने का वीडिया सामने आया था." इससे पहले वर्ष 2006 में कंधार में महिलाओं से संबंधित मामलों की अध्यक्ष साफिया अमा जान की तालिबान लड़ाकों ने हत्या कर दी थी।

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