मंगलवार रात को वुमेन डबल्स का अपना आखिरी ग्रुप लेवल मैच जीतने के बावजूद क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने वाली ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा के लिए बुधवार शाम को एक अच्छी खबर आई। वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन ने वुमेन डबल्स मुकाबलों में जानबूझकर हारने वाली चार टीमों (दो चीन की, एक कोरिया और एक इंडोनेशिया) को डिसएबल्ड करार दे दिया।

इस खबर के बाद बरबस ही ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की उम्मीदें फिर जिंदा हो गईं, लेकिन शाम ढलते-ढलते जब नए सिरे से क्वार्टर फाइनल का शेड्यूल तय हुआ तो ऑर्गनाइजर्स ने बाहर की गई चारों जोडिय़ों की जगह रूस, आस्ट्रेलिया, कनाडा और साउथ अफ्रीका की जोडियों को शामिल कर लिया। इस तरह महज 24 घंटे के अंदर ज्वाला-पोनप्पा को दूसरी बार ओलंपिक से बाहर होना पड़ा।

 

8 प्लेयर्स पर गिरी गाज

मंगलवार को वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन ने नॉकआउट राउंड में आसान ड्रॉ हासिल करने के लिए चीन, इंडोनेशिया और साउथ कोरिया की चार वुमेन जोडिय़ों पर जानबूझकर हारने का आरोप लगा था। जांच के बाद चीन की वांग जियाओली-यू यांग, इंडोनेशिया की ग्र्रेसिया पॉली-मेलिना जौहारी, साउथ कोरिया की जुंग क्यूंग-किम हा ना और हा जुंग-किम मिन जुंग की जोड़ी को डिसएबल्ड डिक्लेयर कर दिया गया।

साउथ कोरिया के चीफ कोच सुंग हान कुक ने कहा कि यह सब चीनी जोडिय़ों ने शुरू ने किया था, ताकि वांग-यू की जोड़ी फाइनल से पहले अपने ही देश की किंग-झुआन के साथ नहीं खेलें।

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