आई एक्सक्लूसिव

-सीनियर के चंगुल में फंसे जूनियर स्टूडेंट्स को चीफ प्रॉक्टर ने छुड़ाया

-ड्रेस कोड न होने के बाद भी जूनियर सफेद शर्ट व काली पैंट में दिखे

KANPUR : एचबीटीआई प्रशासन भले ही लाख दावे करे कि कैंपस में कहीं कोई रैगिंग नहीं हो रही है, लेकिन हकीकत तो यह है कि सीनियर्स को रैगिंग का मौका मिलते ही वह तुरंत एक्टिव हो जाते हैं। फ्राइडे को एचबीटीआई की फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें सीनियर्स का खौफ साफ तौर पर नजर आया। जूनियर्स बाकायदा ड्रेस कोड में आए और बॉटम से लेकर टॉप तक सभी बटन बंद कर नजरें झुकाए हुए ऑडिटोरियम में घुसे। अहम बात यह थी कि ऑडिटोरियम के बाहर तीन सीनियर ने जूनियर्स को पकड़ लिया और करीब 5 मिनट तक उसकी क्लास ली और सभी सावधान मुद्रा में खडे़ होकर सीनियर्स की बातों को सुनते रहे।

लेकिन ड्रेस कोड लागू है

एचबीटीआई के ऑडिटोरियम में शुक्रवार की शाम 5 बजते ही जूनियर्स लाइन में एंट्री कर रहे थे। वहीं संस्थान प्रशासन ने किसी भी जूनियर छात्र के लिए कोई ड्रेस कोड जारी नहीं किया है, लेकिन 90 परसेंट फ्रेशर स्टूडेंट सफेद शर्ट व काली पैंट और जूते पहने नजर आए। सीनियर्स का खौफ इस कदर था कि जूनियर छात्रों से बॉटम से लेकर टॉप तक शर्ट की सारी बटनें बंद कर रखी थीं। कुछ छात्र तो ऑडिटोरियम में एंट्री करने के ऐन पहले बटन बंद करते नजर आए, यह भी रैगिंग का एक रूप फ्राइडे को कैंपस में नजर आया।

चीफ प्रॉक्टर ने लगा दी क्लास

इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम के बाहर शाम 5 बजे ब्लैक एक्टिवा सवार एक सीनियर और उसके साथियों ने एक जूनियर को दबोच लिया। सीनियर फ्रेशर छात्र पर सवालों की बौछार कर रहे थे। वह चुपचाप सावधान मुद्रा में खड़ा सीनियर की रैगिंग झेल रहा था। इसी बीच चीफ प्रॉक्टर डॉ। गुप्ता वहां पहुंच गए तो उनकी नजर जूनियर पर पड़ गई। डॉ। गुप्ता ने सीनियर्स की क्लास ली और फ्रेशर छात्र को वहां से जाने को कहा, इसके बाद सीनियर्स छात्र चीफ प्रॉक्टर को अपनी सफाई देते रहे।

-----------------------

एफिडेविट भी कोई मायने नहीं रखता

एचबीटीआई में एडमिशन के टाइम एंटी रैगिंग गाइडलाइंस स्टूडेंट्स को दी जाती है। इस गाइडलाइंस में एक फार्मेट में स्टूडेंट से शपथ पत्र लिया जाता है। इस एफिडेविट में स्टूडेंट के अलावा पैरेंट्स का भी पूरा रिकॉर्ड व मोबाइल नंबर लिखा होता है। इस फार्म में साफ लिखा है कि वह किसी भी जूनियर के साथ रैगिंग नहीं करेंगे। कहीं किसी हिंसा में शामिल नहीं होंगे, लेकिन जैसे ही फ्रेशर की कैंपस में एंट्री होती है सीनियर के मन में हलचल शुरू हो जाती है। वह बाज की तरह से फ्रेशर का शिकार करने की फिराक में जुट जाते हैं।

-----------------------

कदम-कदम पर एंटी रैगिंग पोस्टर

एचबीटीआई कैंपस में रैगिंग रोकने के लिए इंस्टीट्यूट को चार जोन में डिवाइड किया गया है। कैंपस में हर दस कदम के बाद रैगिंग न करने का पोस्टर लगा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का जिक्र किया गया है, लेकिन यह सब तो कागजी खानापूरी है। इन पोस्टर में रैगिंग को एक दंडनीय अपराध बताया गया है। सीनियर्स को भी मालूम है कि अगर फंस गए तो फिर पूरा करियर बर्बाद हो जाएगा, लेकिन फ्रेशर के हाथ आते ही वह सब कुछ भूलकर मस्ती में जुट जाते हैं।