- एटूजेड और नगर निगम के बीच करार खत्म होने की वजह से कूड़ा उठान लगभग ठप

- 8 महीनों से बंद पड़ा है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, कूड़े का नहीं हो पा रहा निस्तारण

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KANPUR : भीषण गंदगी और साफ-सफाई नहीं होने की वजह से ही शहर में स्वाइन फ्लू तेजी से पांव पसार रहा है। आंकड़ों के मुताबिक रोजाना करीब क्ख्00 मीट्रिक टन कूड़े का सैलाब निकलता है। मगर, संसाधनों की जबर्दस्त क्राइसिस के कारण इसका सौ फीसदी निस्तारण मुमकिन नहीं हो पा रहा है।

संशाधनों की कमी का रोना

करीब ब्0 लाख की आबादी वाले शहर में रोजाना क्ख्00 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। मगर, एटूजेड प्लांट में महज 900 से क्,000 मीट्रिक टन कूड़ा ही उठाया जाता था। इसके पीछे असली वजह से संसाधनों की कमी बताई जाती थी। जबकि हकीकत में कूड़ा उठान के लिए एटूजेड कम्पनी ने करीब ब्00 इम्प्लॉईज नियुक्त किया था। इनमें सफाई कर्मचारियों से लेकर सुपरवाइजर, कलेक्शन इंचार्ज तक शामिल थे।

पॉश इलाकों में नगर निगम

कूड़ा उठान के मामले में पॉश इलाके वाले दो जोन नगर निगम ने अपने पास रखे थे। जबकि अन्य चार जोन से कूड़ा उठान की जिम्मेदारी एटूजेड को सौंपी गई थी। मगर, काम के बदले नगर निगम ने एटूजेड को पूरे पैसे का भुगतान नहीं किया। इस कारण एटूजेड ने धीरे-धीरे कूड़ा उठान का काम ठप कर दिया। जिसके बाद शहर के कूड़ाघरों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। हालत यह है कि कई-कई दिन कूड़ा उठान न होने से आर्य नगर, सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाकों तक में आधी सड़क तक कूड़ा फैला रहता है।

8 महीनों से प्लांट ठप

भौती में नगर निगम का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट है। जहां कूड़े से इंटरलॉकिंग टायल्स बनाने का काम होता है। कूड़े से बिजली बनाने का संयंत्र भी यहीं सेटअप किया गया है। मगर, ड्यू पेमेंट की वजह से एटूजेड ने कूड़ा उठान बंद कर रखा था। डीएम डॉ। रौशन जैकब के हस्तक्षेप के बाद भी जब एटूजेड की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो नगर निगम और एटूजेड के बीच करार भी खत्म हो गया। पिछले 8 महीनों से कमोवेश यही हालात हैं। जिस कारण शहर से कूड़ा उठान नहीं हो पा रहा है।