- महज 24 घंटे के अंदर-अंदर दोगुने से ज्यादा बिक गया सोना-चांदी
- सर्राफा व्यापारियों का दावा, 2-3 सालों में ज्यादा सोना 50 हजार व चांदी एक लाख में बिकेगी
- फेस्टिव व मैरिज सीजन से शुरू होगा कीमतों में उछाल का सिलसिला
abhishek.mishra@inext.co.in
KANPUR : सोने-चांदी की कीमतें धड़ाम होने का असर सर्राफा बाजार की बिक्री पर भी पड़ा है। एक्सपर्ट्स कुछ भी सलाह दें, लेकिन पब्लिक का दिल है कि मानता नहीं कीमतों में गिरावट का ही असर रहा कि महज 24 घंटे के अंदर शहर के सर्राफा बाजार में 50 किलो सोना और 200 किलो चांदी बिक गई। सर्राफा व्यापारियों के अनुसार भविष्य में कीमतों में गिरावट के बजाय उछाल आने की संभावना है।
एक ही दिन में दिखा असर
मंडे को सोना 24 हजार और चांदी करीब 34 हजार कीमत पर पहुंचने का असर शहर की सर्राफा बाजार पर भी पड़ा है। आम दिनों शहर की सर्राफा बाजार में औसतन 20 किलो सोना व 100 किलो चांदी की बिक्री होती है। मगर, कीमतें धड़ाम होने पर सोना ढाई गुना व चांदी दोगुना ज्यादा बिकी। कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन के प्रवक्ता पुष्पेन्द्र जायसवाल ने बताया कि जब से कीमतों में गिरावट आई है। खरीददारी करने के लिए लोगों की भीड़ सर्राफा दुकानों पर उमड़ पड़ी है। मंगलवार देर शाम तक कुल 50 किलो सोना जबकि 200 किलो चांदी बिकने का अनुमान जताया गया है।
अपने न्यूनतम स्तर पर
सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट को लेकर यूं ही अफरा-तफरी नहीं मची है। सर्राफा व्यापारियों के अनुसार मौजूदा समय में सोना बीते 2 साल जबकि चांदी के दाम बीते 5 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके हैं। इसके पीछे इंटरनेशनल मार्केट में मची उथल-पुथल सबसे बड़ी वजह रही। दो साल पहले सोना रिकॉर्ड 33 हजार प्रति तोला व पांच साल पहले चांदी 74 हजार प्रति किलो की कीमत पर बिक रही थी। मगर, आज की तारीख में सोने में करीब 7-8 हजार और चांदी की कीमत आधी से भी ज्यादा गिर चुकी है।
और नहीं घटेंगे रेट, त्योहारी सीजन में बढ़ेंगे
जो लोग सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें इस मामले में निराशा हाथ लग सकती है। यूपी सर्राफा एसोसिएशन के मंत्री रामकिशोर मिश्रा का कहना है कि कीमतों में अब कमी नहीं होने वाली। जितनी कीमत घटनी थी, घट गई। आने वाले कुछ दिनों बाद फेस्टिव व मैरिज सीजन शुरू होने वाला है। तब दोनों की कीमती धातुओं के दामों में उछाल आना तय है। फिलहाल, आगे कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं है। फिर भी अगर लोग चाहें तो थोड़ा वेट एंड वॉच कर सकते हैं। उसके बाद ही खरीददारी का फैसला करें।
इनवेस्टमेंट का फायदा 2-3 सालों बाद
सोने-चांदी में इनवेस्टमेंट का फायदा 2-3 सालों बाद दिखेगा। यह दावा है सर्राफा व्यापारियों का। कानपुर सर्राफा एसोसिएशन के महामंत्री पंकज अरोड़ा ने बताया कि आने वाले दिनों में सोना 50 हजार व चांदी 1 लाख तक पहुंच सकता है। इसलिए जो लोग अभी खरीददारी कर लेंगे, असली फायदा उन्हें होगा। इसकी शुरूआत दीपावली से हो जाएगी। इस समय तक सोने की कीमत 30 हजार प्रति 10 ग्राम पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए जिन्हें सोना-चांदी की खरीददारी करनी है। वह अभी कर लें क्योंकि आने वाले दिनों का कोई भरोसा नहीं।
सटोरियों के 'खेल' ने किया फेल
सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे सारा खेल सटोरियों का है। सर्राफा व्यापारियों के अनुसार एमसीएक्स में कीमतों की गिरावट के कारण बाजार में भी ज्वेलरी के प्राइस गिरे हैं। ऐसा करके सटोरियों ने ज्यादा से ज्यादा सोना मार्केट से उठवा लिया है। सर्राफा व्यापारियों ने आशंका जताई है कि सोना-चांदी डम्प करने की बड़ी वजह 'मुनाफाखोरी' है। जैसे ही कीमतें बढ़ेंगी, यह डम्प माल बाजार में फिर से खपा दिया जाएगा। इससे सटोरियों को एमसीएक्स में तो फायदा होगा ही। बाजार से भी सीधे तौर पर मुनाफा कमाने का मौका मिल सकेगा।
मंगलवार को सोने-चांदी के भाव -
सोना (24 कैरेट) - 25,640 रूपए प्रति दस ग्राम
चांदी (प्रति किलो) - 34,520 रूपए
सोमवार को सोने-चांदी के भाव -
सोना (24 कैरेट) - 25,500 रूपए प्रति दस ग्राम
चांदी (प्रति किलो) - 34,500 रूपए
सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट की बड़ी वजहें -
ø चीन ने शंघाई मार्केट में 5 कुंतल सोने की बिकवाली की।
ø साउथ अफ्रीका में प्रोडक्शन में आई गिरावट के कारण मची उथल-पुथल।
ø अमेरिका की ब्याज दरों में गिरावट की घोषणा हो सकती है। इसका भी असर इंटरनेशनल ज्वेलरी मार्केट पर पड़ा है।
ø ग्रीस का आर्थिक संकट।
इसलिए बढ़ेंगे चांदी के रेट
हो सकता है कि चांदी की कीमत 1 लाख तक पहुंचने की बात कुछ लोगों को हजम न हो। पर इसकी एक बड़ी वजह भी है। दरअसल, पूरी दुनिया में 90 परसेंट चांदी की खुदाई हो चुकी है। यह अंडरग्राउंड स्टॉक धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। जैसे-जैसे यह स्टाक 100 फीसदी खात्मे की तरफ बढ़ेगा, चांदी की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आना तय है।
90 सालों में कुछ यूं बढ़े सोने के दाम -
ईयर प्राइस (रूपए में)
2015 25,640
2010 18,500
2005 7,000
2000 4,400
1995 4,680
1990 3,200
1985 2,130
1980 1,330
1975 540
1970 184
1965 71.75
1960 111.87
1955 79.18
1950 99.18
1945 62
1940 36.04
1935 30.81
1930 18.05
1925 18.75
नोट : सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम के हिसाब से 24 कैरेट के लिए। आंकड़े कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन के द्वारा उपलब्ध।
ø सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजहों में ज्यादातर अंतर्राष्ट्रीय कारण शामिल हैं। मगर, अब कीमतें और ज्यादा कम नहीं होंगी। इसलिए अगर कोई खरीददारी करना चाहता है तो दो-दिन वॉच कर ले। फिर उसके बाद कोई डिसीजन ले।
- रामकिशोर मिश्रा, मंत्री, यूपी सर्राफा एसोसिएशन
ø गोल्ड-सिल्वर के रेट में गिरावट के कारण बाजार में काफी कस्टमर्स खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। इस कारण कई दिनों से सुस्त पड़ी मार्केट में बिक्री की रफ्तार ने भी तेजी पकड़ी है।
- पुष्पेन्द्र जायसवाल, महामंत्री, कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन
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