- शुक्लागंज के पास कानपुर- लखनऊ ट्रैक पर मालगाड़ी के 12 डिब्बे पलटे

- देर रात तक बाधित रहा कानपुर-लखनऊ डाउन रूट, घंटों खड़ी रही दर्जनों ट्रेनें, यात्री और बच्चे तड़पे

- एक दिन पहले ही रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने किए थे माडर्नाइजेशन के बड़े दावे, 24 घंटे में खुली पोल

KANPUR। पिछले दो महीनों में पुखरायां और रुरा ट्रेन हादसे के बाद तीसरी बार कानपुर के पास गुरूवार को एक और बड़ा ट्रेन हादसा हुआ। हालांकि गनीमत रही कि इस बार हादसे का शिकार पैसेंजर ट्रेन न होकर गुड्स ट्रेन हुई। जिसके चलते कोई जनहानि नहीं हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इतना भीषण हादसा था कि मालगाड़ी की जगह पैसेंजर ट्रेन होती तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।

कानपुर-लखनऊ ट्रैक पर मगरवारा गंगाघाट स्टेशन के बीच मालगाड़ी के 12 डिब्बे बेपटरी हो गए। इस वजह से रूट ठप हो गया और रूट पर चल रही कई पैसेंजर ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं। 2 घंटे की मशक्कत के बाद अप लाइन को शुरू किया जा सका। इस दौरान भीषण ठंड के बीच सैकड़ों पैसेंजर ट्रेनों में फंसे रहे।

दो हिस्सों में बंट गइर् मालगाड़ी

हादसा कितना खतरनाक था इस बारे में स्थानीय लोगों ने बताया। उनके मुताबिक पहले मालगाड़ी दो हिस्सों में बंटी फिर ट्रैक से उतर गई। रेल अफसरों को जब पता चला कि हादसा पैसेंजर ट्रेन के साथ न होकर मालगाड़ी के साथ हुआ है तो उन्होंने कुछ राहत की सांस ली।

ये ट्रेनें कैंसिल

सेंट्रल स्टेशन एसएस आरएनपी त्रिवेदी ने बताया कि दुर्घटना के चलते कानपुर से चलने वाली चार पैसेंजर ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया। जिसमें कानपुर-प्रतापगढ़ इंटरसिटी, कानपुर-लखनऊ मेमू, कानपुर-बाराबंकी मेमू, व देर रात लखनऊ जाने वाली कानपुर-मेमू हैं। प्रतापगढ़ इंटरसिटी फ्राइडे को भी कैंसिल रहेगी। फ्राइडे की लखनऊ बाराबंकी अप व डाउन मेमू भी कैसिंल कर दी गई है।

भूख-प्यास से तड़पे बच्चे

दुर्घटना के चलते कई पैसेंजर ट्रेनों को आउटर पर ही खड़ा कर दिया गया था। जहां खाने पीने का कोई सामान पैसेंजर्स को उपलब्ध नहीं हो पाया। ट्रेनें लगभग दो से तीन घंटे तक जहां की तहां खड़ी रहीं। इस दौरान ट्रेनों में सफर कर रहे बच्चों का भूख व प्यास से काफी बुरा हाल हो गया।

ट्रैक के प्रति क्यों लापरवाह है कर्मचारी

रेलवे ट्रैक मेंटीनेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो ट्रैकों में ओवर लोड ट्रैफिक है। वहीं रेलवे में मैनपॉवर की काफी कमी है। मैनपॉवर की कमी के चलते कर्मचारियों के कंधों पर भी काम का ओवर लोड होता है। रेलवे ट्रैक की देखरेख के लिए रेलवे को मैनपॉवर बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द विचार विमर्श करना होगा।

डायवर्ट की गई यह ट्रेनें

पीआरओ एनआर विक्रम सिंह ने बताया कि घटना के चलते डाउन वैशाली एक्सप्रेस, गोरखधाम एक्सप्रेस व कैफियत एक्सप्रेस का डायवर्जन किया गया है। यह ट्रेनें वाया कानपुर की बजाए मुरादाबाद, बरेली होकर लखनऊ आएंगी।

मगरवारा से वापस की गई दो ट्रेनें

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक घटना के चलते कानपुर-लखनऊ रूट बाधित होने के कारण बाराबंकी-कानपुर व लखनऊ-कल्याणपुर मेमू को मगरवारा स्टेशन से वापस लखनऊ भेज दिया गया।

24 घंटे में दावे हवा

बुधवार को शहर में एक कार्यक्रम में आए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के मार्डनाइजेशन के बड़े दावे किए थे। हालांकि वह हादसों को लेकर सवालों से पूरी तरह से बच निकले थे। रेलमंत्री के जाने के 24 घंटे में ही एक बार फिर उनके दावों की पोल खुल गई। 3 महीने के अंदर एक और बड़ा रेल हादसा शहर के पास हो गया।