गूगल ने अपनी मैप सर्विस के तहत ये तस्वीरें ऑनलाइन मुहैया कराई हैं। लकड़ी की बनी ये झोपड़ियां 1908 और 1911 में बनाई गई थीं और दक्षिणी ध्रुव को खोजने के लिए गए लोगों का मुख्य ठिकाना हुआ करती थे।

इन तस्वीरों को 360 डिग्री के कोण पर देखा जा सकता है, जिससे वहां मौजूद तमाम चीजों की बारीकियां महसूस की जा सकती हैं। तस्वीरें बताती हैं कि इन झोपड़ियों को अच्छी तरह संरक्षित रखा गया है। न्यूजीलैंड के एक संगठन अंटार्टिक हेरीटेज ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे संरक्षण कार्य का फायदा इन दोनों झोपड़ियों को भी मिला है। गूगल भी इस काम में सहयोग कर रहा है।

जमी हुई लकड़ी

शेकल्टन की झोपड़ी केप रोयड्स में स्थित है, जहां वे सर्दियों में अपने नौ अन्य साथियों के साथ रहे थे। इस झोपड़ी में शेकल्टन की टीम से जुड़ी ऐसी लगभग पांच हजार चीजें अब भी मौजूद हैं। इनमें किताबें, कपड़े, डिब्बा बंद खाना शामिल हैं और ये चीजें कम तापमान होने की वजह से संरक्षित रहीं। शेकल्टन ने पहली बार माउंट एरबेस ज्वालामुखी पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन खराब मौसम और जरूरी आपूर्ति की कमी के चलते उन्हें बीच में ही लौटना पड़ा था।

दक्षिणी ध्रुव उनसे 156 किलोमीटर दूर रह गया था। इसके बावजूद तब भी शेकल्टन उस जमाने में दक्षिणी ध्रुव के सबसे करीब जाने वाले व्यक्ति थे और ब्रिटेन लौटने पर नायकों की तरह उनकी टीम का स्वागत हुआ।

स्कॉट का ठिकाना इसके तीन साल बाद 1911 में बनाया गया था, जिसमें उनके 'अभिशप्त मिशन' से जुड़ी आठ हजार से ज्यादा चीजें मौजूद हैं। स्कॉट की झोपड़ी में अब भी बहुत सी खाने की चीजें रखी हैं जो उनकी टीम ने ध्रुव की तरफ जाते वक्त छोड़ी थीं। ऑनलाइन मौजूद तस्वरों में टेटे चीनी के घनाकार टुकड़े, हाइंज के टमाटर केचप की बोतलें और कपड़े देखे जा सकते हैं।

'जानकारी बढाएंगी तस्वीरें'

स्कॉट और चार अन्य लोग जनवरी 1912 में ध्रुव तक तो पहुंच गए लेकिन उन्हें पता चला कि रोएल्ड एमुंडसन के नेतृत्व में नॉर्वे की एक टीम उनसे पहले ही वहां पहुंच चुकी है। वापसी पर स्कॉट की टीम के सदस्य जमा देने वाली सर्द परिस्थितियों के बीच मारे गए।

गूगल का कहना है कि उसकी ओर से जारी इन तस्वीरों के माध्यम से स्कूली बच्चों के साथ साथ अन्य लोग भी ये जान पाएंगे कि उस वक्त 'वे लोग कैसे वहां महीनों तक रहते थे.' गूगल ने दो झोपड़ियों के अलावा सेरेमोनियल साउथ पोल की तस्वीरें भी पेश की हैं, जहां उन सभी टीमों के देशों के झंडे लगे हैं जो वहां तक पहुंचने में कामयाब रहीं। इसके अलावा केप रोयड्स इडेली पेंगुइन रूकरी की तस्वीरें भी गूगल ने पोस्ट की हैं।

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