- जीपीएस के जरिए वाहनों की लोकेशन कभी भी जानी जा सकती है

- वाहन चोरी की घटनाएं रोकने में है कारगर

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KANPUR

गोविंदपुरी स्टेशन से मंडे को चोरी गई डिस्कवर बाइक में लगे जीपीएस सिस्टम ने महज दो घंटे के अंदर शातिर वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। जीपीएस की मदद से बाइक के ओनर ने चोरों को पुलिस के हाथों पकड़वा दिया। पुलिस की मुताबिक दमदमा कालपी जालौन निवासी गौरव कुमार ग्लोबल जीपीएस कंपनी में कार्यरत हैं। गौरव किसी काम से मंडे को गोविंदपुरी स्टेशन गए थे। जहां से उनकी बाइक चोरी हो गई। इसपर गौरव थोड़ा परेशान तो हुए, लेकिन बाइक में जीपीएस सिस्टम लगे होने के चलते उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फौरन मोबाइल एप पर बाइक की लोकेशन चेक की तो वह पनकी हाइवे पर दिखाई दी। गौरव ने फौरन मामले की जानकारी गोविंदपुरी जीआरपी चौकी इंचार्ज अमित पांडेय को दी।

पुलिस ने भी दिखाई चुस्ती

जीआरपी चौकी इंचार्ज देर न करते हुए अपने दलबल के साथ गौरव को लेकर प्राइवेट वाहन से पनकी हाइवे की तरह निकल गए। चौकी इंचार्ज अमित पांडेय ने मामले की जानकारी सचेंडी थाना, अकबरपुर कोतवाली को मामले की जानकारी दी। जब तक चौकी इंचार्ज अकबरपुर पहुंचे तब तक बाइक की लोकेशन शिवली दिखाने लगी। उन्होंने फोन कर मामले की जानकारी शिवली थाने में दी। शिवली एसओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जीआरपी चौकी इंचार्ज की बताई लोकेशन में दबिश दी तो चोरी की बाइक के साथ वाहन चोर गिरोह के सदस्य व एक अन्य चोरी की बाइक भी बरामद हो गई।

7 हजार से 70 हजार में लगती है

मार्केट में वाहनों में लगने वाली जीपीएस डिवाइस 7 हजार रुपये से लेकर 70 हजार रुपये तक में लगती है। जीपीएस इंटरनेट के जरिए सेटेलाइट से कनेक्ट रहती है। इसके जरिए वाहन की लोकेशन कहीं भी जानी जा सकती है। यही नहीं गाड़ी चोरी होने की दशा में जीपीएस से आप अपनी गाड़ी का इंजन कहीं भी बंद कर सकते हैं।

कैसे लगता है जीपीएस

जीपीएस डिवाइस एक छोटे से मोबाइल की तरह होती है जो वाहन में कहीं भी लग सकती है। ज्यादातर इसे टू व्हीलर में इंजन के पास या फोर व्हीलर में स्टेयरिंग के पास लगाया जाता है। गाड़ी की बैटरी की तरह ये डिवाइस इंजन से चार्ज होती रहती है। जीपीएस लगाने के बाद कंपनी इसका एक एप तैयार कर देती है। जिसे ग्राहक के मोबाइल पर अपलोड कर दिया जाता है। इसके बाद एक पासवर्ड मिलता है। जिससे गाड़ी को ट्रेस करने से लेकर आपरेट करने तक के फंक्शन किए जा सकते हैं।

कराना होता है मन्थली रिचार्ज

एक बार वाहन में जीपीएस लगवाने के चार्ज देने के बाद मन्थली रिचार्ज कराना होता है। जिसका खर्चा लगभग 300 रुपये आता है। अगर वाहन से जीपीएस हटा भी दिया जाए तो भी डिवाइस 4 घंटे तक काम करती है।

जीपीएस लगाने के फायदे

- वाहन की लोकेशन ट्रेस कर सकते है

- वाहन की स्पीड का पता कभी भी लगाया जा सकता है

- वाहन का इंजन स्टार्ट है या नहीं, ये पता कर सकते हैं

- जीपीएस एप के जरिए वाहन का इंजन बंद कर सकते हैं, चाहे कितने भी दूर हों

- पिछले तीन माह की वाहन की स्थिति पता कर सकते हैं, कि वाहन कितने किलोमीटर चला, कहां-कहां गया

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वर्जन:

वाहनों में जीपीएस लगाने से कई फायदे हैं। यहां कई लोग आते हैं, जो जीपीएस लगवाते हैं, सिटी में अब इसका यूज बढ़ रहा है।

- रिंकू भाटिया, साईं कार एसेसरीज

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जीपीएस की खूबियों के बारे में लोग धीरे-धीरे जान रहे हैं। ये एक बहुत अच्छी डिवाइस है। जिससे वाहन सुरक्षित रहता है।

- गौरव कुमार, जी। जीपीएस टेक्नोलाजी

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