- सॉफ्टेवयर का यूज कर एक सेकेंड में बुक कर देता था तत्काल टिकट, आरपीएफ ने दबोचा

- 169 पर्सनल यूजर आईडी मिलीं, असम से 4 से 20 हजार रुपए में खरीदे गए सॉफ्टवेयर

-आईआरसीटीसी का ब्रोकर होने के कारण नहीं करता था कोई शक,

KANPUR: रेल टिकट का रिजर्वेशन कराने को लेकर लोग काफी परेशान होते हैं। लेकिन सिटी में एक ऐसा ब्रोकर है जो 1 सेकेंड में टिकट साफ्टवेयर के माध्यम से आसानी से बुक कर देता है और बदले में मोटी रकम लेता है। आईआरसीटीसी का मेंबर होने से किसी को उस पर शक नहीं होता था। थर्सडे को इस ब्रोकर को आरपीएफ की क्राइम ब्रांच टीम ने अरेस्ट किया है। आरोपी से पूछताछ के दौरान क्राइम ब्रांच के हाथ लगे कुछ डॉक्यूमेंट्स और प्रूफ काफी चौंकाने वाले हैं।

एक साफ्टवेयर से डेली 2 टिकट

आरपीएफ क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अजुर्न यादव ने बताया कि आरोपी युवक असम से रेल की तत्काल टिकट बुक करने के लिए सॉफ्टवेयर खरीद कर लाता था। एक साफ्टवेयर से डेली दो तत्काल टिकट आसानी से बुक हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि यह देश का दूसरा ऐसा केस है। इसमें आरोपी आईआरसीटीसी की वेबसाइट में हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज कर सेंधमारी कर कंफर्म टिकट बुक कर देता था।

कैसे ऑपरेट होते हैं यह साफ्टवेयर?

आरपीएफ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी आशीष सिंह है। वो असम से खरीद कर लाए गए आधा दर्जन से अधिक साफ्टवेयर में पहले से पैसेंजर का नाम, पता, मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारियों को सेव करके रख लेता था। यह ऑप्शन अन्य नार्मल एप में नहीं होता है। इसके बाद वह तत्काल टिकट की वेबसाइट खुलते ही एंटर मार कर एप्लाई कर देता था। एक सेकेंड के अंदर एप्लाई होने की वजह से उसे आसानी से कंफर्म तत्काल टिकट मिल जाती थी। जो वह पैसेंजर्स को मनचाहे दामों में बेचता था।

169 यूजर आईडी मिली

आरपीएफ के मुताबिक आरोपी आशीष रेलबाजार में बाबा टूर एंड ट्रेवल्स के नाम से एक शॉप खोल रखी है। जहां से वह इस काम को ऑपरेट करता था। उन्होंने बताया कि शॉप से मिले लैपटॉप व कम्प्यूटर में 169 यूजर आईडी मिली है। छापेमारी के दौरान उसके पास से रेल की 42 टिकट बरामद हुई हैं।

पहले बांग्लादेश अब असम

आरपीएफ के मुताबिक, बीते दिनों एनईआर रीजन के आरपीएफ टीम ने एक रेल टिकट ब्रोकर को पकड़ा था। जिसका मास्ट माइंड बांग्लादेश में था। कानपुर में पकड़ा गया यह दूसरा केस है। जिसका कनेक्शन असम से है। जहां से ब्रोकर आशीष नए-नए साफ्टवेयर 4 से 20 हजार रुपए में खरीद कर लाता था। उनके माध्यम से वह अभी तक आईआरसीटीसी की वेबसाइट में सेंधमारी कर सैकड़ों टिकट बुक कर चुका है।

डेटा पर एक नजर

- 10 हजार से अधिक रेल टिकटों की ऑनलाइन डेली बुकिंग होती है

- 258 से अधिक आईआरसीटीसी के एजेंट कानपुर सिटी में

- 6 हजार से अधिक रेल टिकट सेंट्रल स्टेशन समेत विभिन्न स्टेशनों से बिक्री होती

- 6 हजार से अधिक रेल टिकट डेली एजेंट के माध्यम से बुक होती है

- 12 से अधिक रेल टिकट ब्रोकर्स इस साल आरपीएफ ने पकड़े

- 4 हजार लोग डेली अपने स्मार्ट मोबाइल से ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग करते हैं