1945: हीरोशिमा पर परमाणु बम

छह अगस्त, 1945 को अमरीकी हवाई जहाज़ ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। इस ख़बर की घोषणा करते हुए अमरीका के राष्ट्रपति हैरी ट्रूमन ने कहा कि हिरोशिमा पर गिराया गया बम अब तक इस्तेमाल में लाए गए बम से दो हज़ार गुना शक्तिशाली है। इससे हुई क्षति का आज तक अनुमान नहीं लगाया जा सका है।

बम को अमरीकी जहाज़ बी-29 से गिराया गया था जिसे इनोला गे के नाम से जाना जाता था। जहाज़ के चालक दल ने कहा कि धुंए का बड़ा सा गु़बार और आग के ज़बरदस्त गोले ऊपर की तरफ़ उठे थे। हिरोशिमा पर गिराए गए इस बम ने दूसरे विश्व युद्ध का नक़्शा ही बदल दिया था। बम गिराए जाने से पहले जापान को बिना शर्त हथियार डालने को कहा गया था।

ब्रितानी प्रधानमंत्री क्लिमेंट एटली ने कहा कि इस परमाणु प्रोजेक्ट में इतनी संभावनाए थीं कि ब्रिटेन ने अमरीकी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम किया था। हिरोशिमा बम जिसे 'लिटिल बम' का नाम दिया गया था के गिराए जाने के बाद 13 वर्ग किलोमीटर के दायरे में पूरी तरह उजड़ गया था ओर शहर में मौजूद 60 प्रतिशत भवन तबाह हो गए थे।

शहर की साढ़े तीन लाख आबादी में से एक लाख चालीस हज़ार लोग मारे गए थे। बहुत सारे लोग बाद में विकिरण के कारण मौत का शिकार हुए। तीन दिनों के बाद अमरीका ने जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया जिसमें 74 हज़ार लोग मारे गए थे। जापान ने 14 अगस्त, 1945 को हथियार डाल दिए थे।

International News inextlive from World News Desk