दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव

-अचानक बदली उसकी सोच, नौकरी छोड़कर गलत राह पकड़ ली

-नाम बदलकर करता था देश-विरोधी गतिविधियां, दो साल से घर नहीं गया था

-जेहाद के नाम पर स्लीपिंग मॉड्यूल और आतंकी तैयार करता था

KANPUR : एमपी ट्रेन ब्लास्ट और यूपी को दहलाने की साजिश में पकड़ा गया गौस मोहम्मद पहले देशभक्त था, लेकिन अब वो देशद्रोही गतिविधियों में शामिल है। वो जेहाद के नाम पर नौजवान समेत अन्य लोगों को भटका कर आतंकी बना रहा है। वो अब तक दर्जनों स्लीपिंग मॉड्यूल और आतंकियों को तैयार कर चुका है जो देश में दहशत फैलाने की साजिश रच रहे हैं। ये हम नहीं यूपी एटीएस कह रही है। लेकिन सवाल ये है कि बीस साल देश की सेवा करने वाला देशभक्त आखिर देशद्रोही गतिविधियों में क्यों लिप्त हो गया? उसके साथ ऐसा क्या हुआ, जो नौजवानों को आतंकी बनाकर देश को खोखला कर रहा है? तो आपको बताते हैं कि आखिर वो क्यों और कैसे देश द्रोही बन गया?

कौन है गौस मोहम्मद?

गौस मोहम्मद उर्फ जीएम रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी है। वो मूलरूप से रायबरेली के महाराजगंज का निवासी है। उसके परिवार में पत्नी जहीरा, दो बेटे अब्दुल कादिर खान, आदिल खान और बेटी आलिया है। उसने 1978 को एयरफोर्स ज्वाइन की थी और 1993 को वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी। नौकरी के दौरान उसका परिवार शुक्लागंज में रह रहा था, लेकिन जॉब छोड़ने के बाद वो परिवार समेत मनोहर नगर आकर बस गया था। उसके बेटों की लखनऊ के अमीनाबाद में जूते-चप्पल की शॉप है और वे रोज कार से शहर से लखनऊ अप-डाउन करते हैं।

और सोच बदल गई

गौस मोहम्मद ने देश की सेवा करने के लिए एयरफोर्स की नौकरी ज्वाइन की थी, लेकिन देश में दिसंबर 1992 को हुई एक घटना ने उसको गलत दिशा की ओर मोड़ दिया। इस घटना के बाद वो कुछ दिनों तक असमंजस में रहा, लेकिन इसके कुछ महीनों बाद उसने वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी और बहुत ज्यादा मजहबी हो गया। इसी दौरान उसकी कुछ संदिग्ध लोगों से मुलाकात हो गई और उन्होंने जेहाद के नाम पर उसका ब्रेन वॉश कर दिया। इसके बाद वो उनके इशारे में काम करने लगा।

नाम बदलकर फैला रहा था जेहाद

गौस मोहम्मद एयरफोर्स में काम कर चुका है। उसको मालूम था कि पुलिस समेत खुफिया एजेंसी नाम सामने आने पर उसको पकड़ सकती है। इसलिए वो नाम और पहचान बदलकर देश विरोधी गतिविधि में लिप्त था। वो जीएम और करण खत्री के नाम से देश विरोधी गतिविधि करता था। उसने स्पीलिंग मॉड्यूल और आतंकियों को भी यह टिप्स दी थी। इसके अलावा उसको अंकल नाम से भी लोग जानते हैं। उसको बहुत कम लोग ही असली नाम से जानते हैं। यहां तक उसके घर के पड़ोसी समेत आसपास के लोग भी उसका असली नाम नहीं जानते हैं। वे उसको जीएम और अंकल नाम से जानते हैं। ऐसी कई जानकारियां एटीएस को ि1मली हैं।

ब्रेन वॉश करने में एक्सपर्ट

एटीएस के मुताबिक गौस दो बार सऊदी जा चुका है। उसकी हिन्दी, उर्दू और अरबी में अच्छी कमांड है। वो पहले नौजवानों से मजहबी बातें कर उनका मन टटोलता था और फिर उनको धर्म पर हो रहे अत्याचार का हवाला देकर जेहाद करने के लिए उकसाता था। साथ ही वो उनको आतंकी संगठनों के जारी वीडियो को दिखाकर ब्रेन वॉश करता था। जब नौजवान राह भटक जाता था। तब वो उसको आतंकी संगठनों से जुड़े और लोगों से मिलाकर तैयार करता था।

मुठभेड़ के वक्त लखनऊ में था

एटीएस के हत्थे चढ़ा गौस मोहम्मद मंगलवार को सैफुल्लाह से मुठभेड़ के समय लखनऊ में मौजूद था। इसकी पुष्टि उसके बेटे अब्दुल कादिर के बयान से हो गई है। वो शाम तक वहां पर रुका रहा था, लेकिन जब उसने देखा कि अब सैफुल्लाह नहीं बचेगा तो वो वहां से निकलकर शहर आ गया। यहां से वो परिजनों के साथ पैत्रक गांव के लिए निकला, लेकिन वो रास्ते में उतरकर कहीं चला गया। इसके बाद वो कहां रहा? इसका पता करने के लिए एटीएस उससे पूछताछ कर रही है।

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2 साल से लखनऊ में रह रहा था

गौस का जाजमऊ स्थित मनोहर नगर में मकान था, लेकिन वो दो साल से परिवार से अलग लखनऊ में रह रहा था। वो लखनऊ में बेटों से मिलने तो जाता था, लेकिन घर नहीं आता था। इसे लेकर परिजनों की उससे अनबन भी चल रही थी। पत्नी जहीरा और बेटों ने उससे कई बार पूछा कि वो लखनऊ में कहां रहते हैं, लेकिन उसने इसे बारे में उनको कभी कुछ नहीं बताया। इससे परिजन गौस के दूसरी शादी करने का शक जता रहे थे, लेकिन जब एटीएस ने गौस को गिरफ्तार किया तो सच्चाई जानकर परिजनों के होश उड़ गए।

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बेटों के साथ शहर आया था

गौस दो साल से घर नहीं गया था, लेकिन जब एटीएस की सैफुल्लाह से मुठभेड़ चल रही थी तो गौस वहां से भाग निकला। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? इसी बीच वो बेटों के पास पहुंच गया। वो बेटों के साथ दो साल बाद घर आया और अगले दिन उसको पैत्रक गांव रायबरेली के लिए कार से रवाना हो गया, लेकिन वो रास्ते में कार से उतरकर वापस कानपुर आ गया।

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आतंकी है, तो हमे हमदर्दी नहीं है

सैफुल्लाह के परिजनों की तरह गौस के बेटों ने उनसे किनारा कर लिया है। बेटे अब्दुर कादिर का कहना है कि अगर उनके पिता आतंकी गतिविधि में लिप्त हैं तो उन लोगों को पिता से हमदर्दी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग अमन पसन्द लोग हैं। उनकी आतंकी गतिविधि से हमारा कोई वास्ता नहीं है।