एसएसपी के मुताबिक, सोनम के घर के पास में रहने वाले शंकर ने ही घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने उसके घर से खून से सनी लुंगी और अन्य कपड़े बरामद किए हैं। जिन्हें डीएनए जांच के लिए भेजा गया है। एसएसपी ने दावा किया कि किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने बताया कि शंकर अकेला रहता है और शराब व अफीम का लती है। घटना वाले दिन शंकर सोनम को उठाकर अपने घर ले गया था। जहां उसने सोनम से हैवानियत के बाद उसका मर्डर कर दिया और अंधेरा होने पर लाश नाले में फेंक दी। पुलिस ये भी पड़ताल कर रही है कि घटना में कोई दूसरा भी तो इंवॉल्व नहीं है।

इतनी संवेदनहीनता.

सोनम को इंसाफ को दिलाने के लिए क्षेत्र के बच्चे, बूढ़े और जवान घर से निकल आए। उन लोगो निर्दोष को फंसाए जाने की सूचना पर थाने का घेराव कर लिया। जिस पर पुलिस ने लाठी पटक कर उनको थाने से खदेड़ा। जिसमें संस्कृति, मोली, उर्वशी, अनामिका, सौरभ, विमल, अंशिका, नन्दनी चुटहिल हो गए। उन्हें इलाज के लिए उर्सला भेजा गया था। उनका आरोप है कि काली रंग की गाड़ी से गुलाबी शर्ट पहने अधिकारी के उतरते ही पुलिस ने उन पर लाठी चला दी थी। एक बच्ची का कहना है कि काली गाड़ी वाले अफसर ने पुलिस से लोगों को हटाने के लिए कहा था। उनका इशारा एडीएम सिटी की ओर है।

कैंडिल जलाकर दी श्रृद्धांजलि

सोनम को इंसाफ दिलाने के लिए कानपुराइट्स पूरी रात उसके घर के बाहर बैठे रहे। उसकी आत्मा की शांति के लिए कैंडिल जलाकर प्रार्थना भी की। आम आदमी पार्टी, महिला संगठन समेत कई समाजसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए।

क्यों भडक़ गए लोग

मामले में पुलिस ने क्षेत्र के जीतू को घर से उठा लिया था। जिस पर मोहल्ले के लोग भडक़ गए। उनका मानना था कि पुलिस जीतू को फर्जी फंसाने की कोशिश कर रही है। जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों ने थाने का घेराव कर लिया था। एसीएम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को आश्वासन दिया कि जीतू को पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। जिस पर लोग शान्त हुए।

एक और ‘मुन्ना’ तो नहीं

लोगों को शक है कि दिव्याकांड की तरह पुलिस ने दबाव में आकर सोनम केस को जल्दबाजी में खोल दिया है। दिव्या मामले में भी पुलिस ने पूरा मामला एक निर्दोष मजदूर मुन्ना पर खोल दिया था। सोनम को इंसाफ की लड़ाई में शामिल क्षेत्र की मनोरमा वर्मा ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है। उनका कहना है कि अगर पुलिस इतनी तेजी सोनम के गायब होने के बाद दिखा देती, तो वो आज वो अपने परिवार के साथ होती।

एक पार्टी के 12 कार्यकर्ता हुए गिरफ्तार

सोनम को इंसाफ दिलाने के लिए एक पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ता उसके घर के बाहर बैठे थे। जिसमें से 12 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दोपहर में गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई पर पार्टी ने नाराजगी जताई है। इसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वेडनेसडे को कानपुर आ रहे हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे।

नेताजी, गो बैक

सोनम कांड में पीडि़त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे कई नेताओं और विधायकों को भी पब्लिक के गुस्से का शिकार होना पड़ा। क्षेत्रीय लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया। नेताओं के मौके पर पहुुंचते ही इलाकाई लोग नारेबाजी करने लगे। पब्लिक का मूड देखकर नेजाजी ने वहां से खिसकने में ही भलाई समझी

पब्लिक एक आरोपी को छुड़ाने के लिए थाने में घुस गई थी। जिससे लॉ एंड आर्डर बिगड़ सकता था। उनके साथ बच्चे और महिलाएं थीं। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए जमीन पर लाठी पटकी थी। थाने के बाहर नाली बनी थी। जिसमें कुछ बच्चे गिरकर चुटहिल हो गए थे। लाठीचार्ज का ऑर्डर नहीं दिया था।

-अविनाश सिंह एडीएम सिटी

माइनर से रेप की ऐसी वारदात हमारे समाज के लिए एक अभिशाप की तरह है। बुधवार को पूरे प्रदेश के मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। अगर 48 घंटों में कार्यकर्तार्ओं पर एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश भर के हमारे साथी कार्यकर्ता कानपुर आकर गिरफ्तारी देंगे।

-कुमार बिस्वास, लेखक एवं कवि