- शहर के कूड़ाघरों की आई नेक्स्ट ने देखी हकीकत

- ज्यादातर प्वाइंट्स पर सड़कों पर फैला मिला कूड़ा, कई-कई दिन नहीं होता उठान

- करार खत्म होने पर एटूजेड ने खड़े किए हाथ, करीब 8 महीने से बंद पड़ा है प्लांट

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KANPUR : स्वाइन फ्लू को लेकर शहर में एलर्ट जारी हो चुका है, लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से कानपुर पर स्वाइन फ्लू का शिकंजा मजबूत होता जा रहा है। नगर निगम स्वाइन फ्लू के प्रकोप को बढ़ाने में पूरा 'सहयोग' कर रहा है। मंगलवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर नगर निगम के कूड़ाघरों की हकीकत देखने पहुंचा तो स्थिति बेहद शॉकिंग निकली। ज्यादातर डम्पिंग प्वाइंट कूड़े से पटे पड़े हैं और सड़कों तक कूड़ा फैला हुआ है। एटूजेड के साथ करार खत्म होने की वजह से कई दिनों तक कूड़ा उठान नहीं होता। रही-सही कसर विभाग की जर्जर गाडि़यों और डम्फर ने पूरी कर रखी है। भीषण दुर्गन्ध की वजह से कूड़ाघर के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है.-

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दुर्गन्ध ने किया जीना दुश्वार

समय - दोपहर क्ख्.फ्0 बजे

स्थान - जच्चा-बच्चा कूड़ा घर, जीटी रोड

नगर निगम की जेसीबी टूटी बाउंड्री वाले कूड़ाघर से कूड़ा उठाती नजर आई। बाउंड्री टूटी होने की वजह से सड़क तक कूड़ा फैला हुआ मिला। दुर्गन्ध इतनी भयंकर की चंद पल भी खड़े हो पाना मुमकिन नहीं था। बेतरतीब ढंग से फैले कूड़े की वजह से वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। कुछ लोगों ने टोका भी, लेकिन ड्राइवर को कोई फर्क नहीं पड़ा। वह अपने हिसाब से कूड़ा उठान में जुटा रहा।

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सड़क से लेकर रेलवे ट्रैक तक

समय - दोपहर क् बजे

स्थान - कोकाकोला चौराहा

यहां तो कूड़ा उठान और साफ-सफाई की हालत काफी चौंकाने वाली रही। कूड़ा फेंकने के लिए कोई निर्धारित प्वाइंट नहीं है। फिर भी लोग सड़क पर कूड़ा फेंकने से बाज नहीं आते। सड़क पर तो कूड़ा फैला ही रहता है। रही-सही कसर रेलवे ट्रैक पर कूड़ा फेंककर लोगों ने पूरी कर दी है। कुछ पलों बाद ही वहां इक्का-दुक्का जानवर भी आ गए। जो पॉलीथिन में बंधे कूड़े को फैला रहे थे। जिससे वहां स्वाइन फ्लू फैलने की गुंजाइश सबसे ज्यादा है।

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सड़क पर फेंका जाता है कूड़ा

समय - दोपहर क्.फ्0 बजे

स्थान - जरीब चौकी कूड़ा डम्पिंग जोन

कुछ साल पहले यहां तत्कालीन नगर आयुक्त के फरमान के बाद कूड़ाघर को तुड़वाकर उनका विस्तार करवाया गया। टायल्स लगवाकर इसे ढकवाया तक गया। मगर, असर कुछ भी नहीं हुआ। आज भी सड़क पर कूड़ा फेंका जाता है। इससे शहर को साफ-सुथरा रखने की शासन-प्रशासन की मुहिम को भी तगड़ा झटका लगा है।