-रेलवे ऑफिसर व इंस्टीट्यूट के डीन आरएण्डडी ने एमओयू साइन किया

-देश के तीन आईआईटी सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च बनाए गए

pradeep.tripathi@inext.co.in

KANPUR: रेलवे मिनिस्ट्री ने आईआईटी के वर्किग सिस्टम को देखते हुए इसे सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। ट्यूजडे को रेल भवन में इस आशय का एमओयू साइन किया गया। इसी के साथ अब आईआईटी कानपुर के साथ चेन्नई व रुड़की आईआईटी बतौर सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च के रूप में काम करेंगी। यह जानकारी आईआईटी कानपुर के डीन ऑफ रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट प्रो। अमलेंदु चंद्रा ने दी। उन्होंने बताया कि नए साल से आईआईटी में रेलवे के रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। अहम बात यह है कि आईआईटी कानपुर में हाई स्पीड ट्रैक डिजाइन पर वर्कआउट किया जाएगा जो कि काफी महत्वपूर्ण होगा।

रेलवे से तीन साल का करार

आईआईटी कानपुर के डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो। अमलेंदु चंद्रा ने बताया कि ट्यूजडे को एमओयू साइन करने के वक्त रेलवे भवन में तीन आईआईटी के डीन आर एण्ड डी व आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर मौजूद रहे। रेलवे अफसर मनोज पांडेय ने रेलवे की तरफ से एमओयू पर साइन किया। यह करार इयर 2018 तक किया गया है। रिसर्च वर्क में रेलवे की रिसर्च विंग आरडीएसओ के अफसर भी शाि1मल होंगे।

स्टेयरिंग कमेटी डिसाइड करेगी प्रोजेक्ट

इसके लिए जल्द ही रेलवे और इंस्टीट्यूट के हायर पोस्ट ऑफिसर की एक स्टेयरिंग कमेटी बनाई जाएगी, जो यह तय करेगी कि कौन से रिसर्च प्रोजेक्ट पर पहले काम शुरू किया जाएगा। स्टेयरिंग कमेटी का गठन जल्द ही हो जाएगा। सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च पर बीते करीब 8 महीने से डिस्कशन चल रहा था। आईआईटी कानपुर में आरडीएसओ लखनऊ व दिल्ली के ऑफिसर रिसर्च वर्क में एक साथ मिलकर काम करेंगे।

एएफए सिस्टम पर रिसर्च

रेलवे के ज्यादातर ट्रैक पर डीजल इंजन दौड़ रहे हैं। इस पर रेलवे एडवांस फ्यूल एफीसिएंट सिस्टम पर रिसर्च करेगा ताकि डीजल की खपत को कम किया जा सके। इससे प्रदूषण भी कम होगा। अहम बात यह है कि इस पर आईआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल काम कर रहे हैं। उन्होंने इंजन पर अपनी टेक्नोलॉजी का ट्रायल भी शुरू कर दिया है।

इन रिसर्च प्रोजेक्ट को प्राथमिकता

इंडियन प्रोपल्सन टेक्नोलॉजी, फायर सेफ्टी मैनेजमेंट, सिक्योरिटी ऑफ रेलवे कम्युनिकेशन सिस्टम, एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम और फॉग विजन पर रिसर्च वर्क किया जाएगा। सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च में इंस्टीट्यूट के करीब 30 प्रोफेसर्स की टीम काम करेगी।

कई प्रोजेक्ट रहे सक्सेसफुल

आईआईटी कानपुर में करीब तीन साल पहले रेलवे के 12 प्रोजेक्ट पर रिसर्च वर्क किया गया था। जिसमें कि सिमरन भी शामिल था। रेलवे के साथ मिलकर आईआईटी के सीनियर प्रोफेसर टीएमआईआर के चेयरमैन डॉ। एनएस व्यास और उनकी टीम ने आरडीएसओ लखनऊ के ऑफिसर के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम किया था। इसके अलावा एक प्रोजेक्ट में ट्रेन के व्हील कैसे हैं, इनको और बेहतर कैसे किया जा सकता है, पर काम किया गया था। ट्रेन डिरेल होने से बचाने वाली डिवाइस भी डेवलप की गई थी। जबकि प्रो। विनोद तारे ग्रीन टायलेट पर काम कर चुके हैं, जिसका ट्रायल लखनऊ चेन्नई एक्सप्रेस में आज भी किया जा रहा है।