-सिद्धनाथ घाट में गणेश विसर्जन के दौरान हुआ था हादसा

-शुक्रवार को सात और शव निकाले गए, मृतकों की संख्या नौ हुई

-पुलिस को लाशों को निकालने में लग गए चौदह घंटे, 42 गोताखोर गंगा में उतारे गए थे

KANPUR :

सिद्धनाथ घाट में गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे में पुलिस और प्रशासन किसी को भी नहीं बचा पाए। शुक्रवार को तीन बच्चों समेत सात शवों के बाहर निकाले जाने से इसकी पुष्टि हो गई। जिससे मरने वालों की संख्या नौ हो गई है। सिर्फ एक युवक ही जिन्दा बचा है। जिसे एक प्राइवेट गोताखोर ने बचाया है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो परिजनों ने शवों को रोड पर रखकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। एसपी, एडीएम सिटी समेत आला अधिकारी, पीएसी और कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। अधिकारियों ने विधायक की मदद से पीडि़त परिवार को आश्वासन का मलहम लगाया तो गुस्साए लोग सशर्त मान गए। उन्होंने शवों के अन्तिम संस्कार के पहले आर्थिक मदद दिलाने के लिए कहा है।

चौहद घंटे चला ऑपरेशन, सुबह मिली सफलता

थर्सडे को घाट पर पीडि़त परिवार समेत सैकड़ों लोगों के हुजूम के बीच पुलिस गोताखोरों से डूबे लोगों की खोज करा रही थी, लेकिन पर्याप्त रोशनी न होने से कोई सफलता नहीं मिल रही थी। इसी बीच विधायक सतीश महाना समर्थकों समेत वहां पहुंच गए। वे पुलिस की हीलाहवाली देख समर्थकों समेत धरने पर बैठ गए। जिससे पुलिस और प्रशासन पर और दबाव बढ़ गया। अधिकारियों ने पूरी ताकत लगाते हुए जल पुलिस की नाव के साथ ही पीएसी की मोटरबोट और प्राइवेट नावों को लगा दिया, लेकिन अंधेरे की वजह से किसी को नहीं ढूढ़ पाए। रात को तीन बजे तक सर्च आपरेशन चला। सुबह छह बजे फिर से गोताखोरों को मोटर बोट समेत गंगा में उतारा गया। कोई सफलता नहीं मिलने पर पुलिस ने शुक्लागंज से और गोताखोरों को बुलाया। वे करीब 10 बजे घाट पर पहुंचे। तब जाकर पहला शव मिला। यह शव राजेश अग्रवाल का था। इसके बाद लगातार शव मिलते गए। दोपहर 12 बजे तक डिम्पी को छोड़कर सारे शव निकाले जा चुके थे। डिम्पी का शव बहकर ड्योढ़ी घाट पहुंच गया था। सूचना पर पुलिस उसके पिता वीरेंद्र को नाव से घाट ले गई। वीरेंद्र के शव के शिनाख्त करने के बाद ऑपरेशनन्द हुआ।

भड़के परिजनों ने तोड़फोड़ की

पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा तो पीडि़त परिवार के सब्र का बांध टूट गया। उन लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर हीलाहवाली का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया और रोड पर शवों को रखकर जाम लगा दिया। कुछ लोगों ने विरोध किया तो मारपीट शुरू कर दी। उन लोगों ने हैलट के बाहर दवा की दुकानों पर धावा बोलकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। जिसे देख अन्य मेडिकल स्टोर बन्द हो गए। एसपी पूर्वी, एडीएम सिटी समेत कई थानों का फोर्स और पीएसी भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की तो वे पुलिस से भिड़ गए। आला अधिकारियों ने विधायक की मदद से पीडि़त परिवार को समझाकर शान्त कराया। उन्हें एक-एक लाख रुपए आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया गया। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ और मुख्यमंत्री राहत कोष से भी आर्थिक मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है।