पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यू (एफबीआर) ने क्रिकेटरों को ये टैक्स अदा करने के लिए 15 दिनों की महोलत दी है। जिन क्रिकेटरों को ये टैक्स नोटिस दिया गया है उनमें दो पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शाहिद आफरीदी और युनस खान के अलावा अब्दुल रज्जाक और उमर अकमल भी शामिल हैं।

पाकिस्तान में क्रिकेटर अच्छी खासी कमाई करने वालों में शुमार होते हैं जो कि औसतन एक महीने में तीन लाख (पाकिस्तानी) रुपयों के आसपास कमाते हैं।

पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यू के प्रवक्ता ने कहा, “इन खिलाडियों ने विज्ञापनों और सालाना अनुबंधो से साल में लगभग आठ करोड़ रुपयों की कमाई की लेकिन इन्होंने इस आय पर (इन्कम टैक्स) नहीं दिया है.”

इससे पहले पाकिस्तान के रिवेन्यू बोर्ड ने मिस्बा-उल-हक, महोम्मद हफीज़, वहाब रियाज़, उमर अकमल, अख्तर अली और तौफीक उमर को भी टैक्स नोटिस जारी किए थे।

पीसीबी भी निशाने पर

जानकारों का कहना है कि सालाना टैक्स लक्ष्य हासिल करने के लिए फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यू सख्त कदम उठा रहा है। पाकिस्तान में केवल दो प्रतिशत लोग ही आमदनी पर आयकर अदा करते हैं।

युनस खान जैसे सीनियर खिलाड़ी को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ओर से हर महीने 313000 रुपए मिलते हैं। इसके अलावा खिलाडियों को एक टैस्ट मैच खेलने के लिए 375000 रुपए मिलते हैं और एक दिवसीय मुकबाले के लिए 275000 रुपए मिलते हैं।

पिछले ही दिनों पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भी टैक्स ना भरने की वजह से फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यू के निशाने पर था। एफबीआर ने टैक्स वसूलने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक खाते को सील भी कर दिया था। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एफबीआर की टैक्स मांग के खिलाफ कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया है।

इसके अलावा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी को प्रस्तावित टी-20 लीग के लिए पांच साल तक के लिए टैक्स छूट दिए जाने की मांग की है। इन लीग मैचों के अगले साल मार्च में होने की संभावना है।

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