कानपुर (ब्यूरो) आनंदपुरी में रहने वाले पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपट्टी इलाके के रहने वाले हैं। जहां उनका घर, इत्र की फैक्ट्री, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप भी है। पीयूष के सपा नेता पम्पी जैन से नजदीकी संबंध बताए जा रहे हैं। उनकी कंपनियां मुंबई में भी रजिस्टर्ड हैं। इंकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे सुबह 11 बजे एक साथ शुरू हुए। मुंबई से आई अधिकारियों की टीम ने छापों की अगुवाई की। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक पीयूष जैन की 40 कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है। जिसमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट कंट्रीज में भी हैं। इत्र कन्नौज में तैयार होता है। जबकि इसका शोरूम और हेडक्वार्टर मुंबई में है। जहां से इसे पूरे देश में बेचा जाता है। साथ ही विदेश में भी एक्सपोर्ट होता है। यह कारोबारी कुछ दिन पहले समाजवादी इत्र की लांच करने के बाद काफी चर्चा में आए थे।

शेल कंपनियों से लिया लोन
पीयूष जैन से जुड़ी 40 कंपनियों का पता चला है। जिसमें से डेढ़ दर्जन कंपनियों का इस्तेमाल सिर्फ कारोबार में अघोषित रकम को एक नंबर में दिखाने के लिए हुआ। इस रकम को लोन दिखा कर कंपनियोंं में लगाया गया.इसी अघोषित नकदी के जरिए कारोबार को बढ़ाया गया और काफी संपत्तियां खरीदने के साथ कई मशीनें भी लगाई गईं।


कमजोर कंपनियां खरीदी
पीयूष जैन से जुड़ी कंपनियों के साथ एक बार और सामने आई है। इनमें से कई ऐसी कंपनियां है। जिनमें शेयर का स्टेक तब लगातार बढ़ाया गया जब ये कंपनियां काफी कमजोर थी। ऐसा करके इन कंपनियों के आधे से अधिक शेयर खरीद लिए गए और कंपनी के डायरेक्टर को हटा कर खुद कंपनी का कंट्रोल ले लिया। इसके अलावा कुछ कंपनियों के शेयर उनकी कीमत से 5 गुना ज्यादा कीमत पर खरीदे गए। जिसके जरिए काली कमाई को व्हाइट में बदला गया। यह उन कंपनियों के शेयर थे जिनका संचालन किसी न किसी रूप में इत्र कारोबारी कर रहे थे। इन शेयर के लिए चेक के जरिए पेमेंट किया गया। जब इन कंपनियों ने चेक को कैश कराया तो वहीं रकम नकद के रूप में वापस जैन के पास पहुंच गई।