-सिटी के बड़े सरकारी इंस्टीट्यूशंस में से कुछ में ग‌र्ल्स हॉस्टलों की सेक्योरिटी में लापरवाही

-सीएसए यूनिवर्सिटी के ग‌र्ल्स हॉस्टल में जाने पर किसी ने रोका नहीं

-जवाहर लाल होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में ग‌र्ल्स ने खुद संभाली कमान

KANPUR : हॉस्टल्स में रहने वाली ग‌र्ल्स और स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी टाइट रखना इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी और कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का काम होता है। लेकिन सिटी के जवाहर लाल होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में ग‌र्ल्स हस्टल की सिक्योरिटी की कोई व्यवस्था नहीं है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन आज तक एक अदद गार्ड तक हॉस्टल को अवेलेबिल नहीं करा सका है। हास्टल में रहने वाली ग‌र्ल्स को अपनी सुरक्षा के लिए चंदा करके खुद ही गार्ड लगा लिया है। लेकिन सीएएसए एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के होम साइंस विभाग के ग‌र्ल्स हास्टल में तो होमगार्ड होने के बावजूद सेक्योरिटी ऑलमोस्ट जीरो है। यहां कोई भी आए-जाए या घुस जाए, होमगार्ड कोई पूछताछ नहीं करते। ये सारे फैक्ट आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में रिवील हुई। आई नेक्स्ट टीम ने यूपीटीटीआई और एचबीटीआई के ग‌र्ल्स हास्टल की सिक्योरिटी को भी परखा, पर वहां महिला होमगार्ड ड्यूटी पर मुस्तैद दिखीं।

सिक्योरिटी बस ठीक-ठीक है

यूपीटीटीआई कैंपस के ग‌र्ल्स हास्टल में दोपहर क् बजे आई नेक्स्ट की टीम पहुंची, जहां पर एक चेयर में महिला होमगार्ड बैठी मिली। रिपोर्टर ने अंदर जाने का प्रयास किया तो होमगार्ड ने पूछा कहां जा रहे हो किससे मिलना है। इस बीच लंच कर क्लास जा रही स्टूडेंट्स से बातचीत की तो उनका कहना था कि सिक्योरिटी ठीक-ठीक है। आंटी बैठी रहती है और हर आने जाने वाले पर निगाह रखती है। इस कैंपस की सिक्योरिटी में क्भ् होम गार्ड लगाए गए हैं।

पहले वार्डेन से परमीशन ले आओ

एचबीटीआई में फ‌र्स्ट इयर की ग‌र्ल्स हास्टल में टीम ने दोपहर के लगभग डेढ़ बजे जायजा लिया तो यहां पर एक महिला होम गार्ड कुछ स्टूडेंट्स से बातचीत कर रही थी। जैसे ही रिपोर्टर ने गेट के अंदर एंट्री की तो आवाज आयी भइया किससे मिलना है। रिपोर्टर ने कहा कि स्टूडेंट से मिलना है तो सवाल आया आप कौन हैं? इस पर जवाब दिया आईनेक्स्ट रिपोर्टर। पहले आप वार्डेन से परमीशन ले आओ फिर अंदर जाने की बात करना आप बाहर जाइए। बताया गया कि यहां पर तीन शिफ्ट में होमगार्ड ड्यूटी कर रहीं हैं।

किसी ने नहीं रोका-टोका

होम साइंस महाविद्यालय कैंपस के अंदर ही सीएसए के तीन ग‌र्ल्स हास्टल हैं। जिसमें कि यूजी व पीजी स्टूडेंट्स रहती हैं। आईनेक्स्ट टीम दोपहर ख् बजे कॉलेज के अंदर बाइक से पहुंची। लेकिन ड्यूटी कर रहे होमगार्ड ने कोई टोका टाकी नहीं की। टीम अंदर गयी जहां पर पहले सरोजनी नायडू ग‌र्ल्स हास्टल का जायजा लिया। स्टूडेंट्स लंच कर वापस क्लास रूम जा रही थीं। जब सिक्योरिटी पर बात की गयी तो उनका कहना था कि जब से वाइस चांसलर चेंज हुए सिक्योरिटी कुछ टाइट हुई है। लेकिन स्टूडेंट्स की यह बात खरी नहीं निकली। गोदावरी हास्टल व झलकारी बाई हास्टल में ग‌र्ल्स रहती हैं। यहां की मेस देखी तो वहां पर सफाई थी।

बेड पर खरार्टे मारते आवारा कुत्ते!

स्टूडेंट्स ने बताया कि अगर गल्ती से रूम खुला छूट गया तो फिर आवारा कुत्ते उनके बेट पर खर्राटा मारते मिलते हैं। आवारा जानवर बेरोकटोक अंदर घुसकर गंदगी भी फैलाते हैं। मेस की थाली में खाना खाने की मन नहीं होता है। स्टूडेंट्स खाना खाकर थाली छोड़ आते हैं इसके बाद आवारा कुत्ते इन्हें चाटा करते हैं। कई बार कम्प्लेन की लेकिन समाधान नहीं किया गया।

यहां कॉलेज प्रशासन को नहीं फिक्र

जवाहर लाल होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में ग‌र्ल्स हास्टल की सिक्योरिटी के नाम पर कोई नहीं हैं। गवर्नमेंट ने भी यहां की मेडिकल स्टूडेंट्स को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया है। कॉलेज के ग‌र्ल्स हास्टल में करीब 70 स्टूडेंट्स रहती हैं। इन ग‌र्ल्स ने आपस में प्रति माह क्भ्0 रुपए का फंड कलक्ट करती हैं। उस फंड से एक सिक्योरिटी गार्ड रखा गया है जो कि फुल टाइम हास्टल में रहता है और हर आने जाने वाले पर नजर रखता है।