मगर सिटी में मानक को ताक पर रखकर बनाए गए स्पीड ब्रेकर्स लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। फ्राइडे लेट नाइट गुरुदेव पैलेस-चिडिय़ाघर रोड पर स्पीड ब्रेकर एक महिला की मौत की वजह साबित हुआ।

शायद नहीं देख पाए

यूपीएफसी के रिटायर्ड मैनेजर भगवानदीन पत्नी शकुंतला के साथ पनकी में रहने वाले रिलेटिव के यहां फंक्शन में गए थे। रात में वे बाइक से पत्नी को लेकर ज्यौरा नवाबगंज स्थित घर लौट रहे थे। गुरुदेव पैलेस-चिडिय़ाघर रोड पर एक स्कूल के सामने बने स्पीड ब्रेकर को शायद वो देख नहीं पाए। स्पीड ब्रेकर को देखकर जब तक वो बाइक की स्पीड कंट्रोल करते पीछे बैठी पत्नी शकुंतला गिर गईं। वो तुरंत उन्हें हैलट ले गए। मगर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सब इंस्पेक्टर अशफाक अहमद ने बताया कि जुगलदेवी स्कूल के सामने बने स्पीड ब्रेकर्स की हाईट अधिक नहीं है। शायद रात की वजह से भगवानदीन स्पीड ब्रेकर देख नहीं पाए। उनकी पत्नी की मौत हेड इंजरी की वजह से हुई है।

खूनी हो चुके हैं ये

गुरूदेव पैलेस-चिडिय़ाघर रोड पर बने स्पीड ब्रेकर पहले भी कई लोगों का खून बहा चुके हैं। 13 फरवरी की रात आजाद नगर में रहने वाले दीपक सिंह भी इनका शिकार होकर घायल हो गए थे। नवाबगंज में रहने वाले जयप्रकाश और उनकी पत्नी भी गिरकर घायल हो गईं थी। इस दौरान तीन दिन में करीब 22 लोग स्पीड ब्रेकर की वजह से घायल हुए हैं। लगातार शिकायत के बाद नगर निगम ने खतरनाक स्पीड ब्रेकर्स को तोडक़र हाईट कम की। मगर ब्रेकर्स पर सोलर कैट्स आई, पेंटिंग और ब्रेकर्स की जानकारी के बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। इन्हीं वजह से लोगों को स्पीड ब्रेकर्स की जानकारी नहीं हो
पाती है.

और ऐसे गिरते हैं लोग

ब्रेकर्स की जानकारी के बोर्ड, कैट्स आई, पेंट न होने के कारण लोगों को आगे ब्रेकर्स होने की बात नहीं पता चल पाती है.  वह न तो अलर्ट हो पाते हैं और न ही व्हीकल की स्पीड कम कर पाते है.  नतीजा गाड़ी जम्प कर जाती है और लोग गिरकर घायल हो जाते हैं.