जर्मनी के फ़्रैंकफ़र्ट में खेले गए फ़ाइनल मैच में जापान ने पिनाल्टी शुट आउट में अमरीका को एक के मुक़ाबले तीन गोल से हरा दिया। जापान की 20 वर्षीय साकी कुमागई ने विजेता गोल किया।

जापान की गोलकीपर आयुमी काइहोरी ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए तीन में से दो गोल बचाए। अतिरिक्त समय में अमरीकी टीम एक के मुक़ाबले दो गोल से आगे थी लेकिन खेल ख़त्म होने के कुछ ही देर पहले जापान की होमारे सावा ने एक शानदार गोल कर जापान को मैच में वापस लाया।

अतिरिक्त समय में दोनों टीमें दो-दो गोल के साथ बराबरी पर रहीं जिसके बाद पिनाल्टी शुटआउट का फ़ैसला किया गया। अमरीका चार में से तीन पिनाल्टी को गोल में तबदील नहीं कर सका और इस तरह जापान ने अमरीका को तीन-एक से हराकर महिला फ़ुटबॉल के विश्व कप पर क़ब्ज़ा कर लिया।

जापान ने ये ख़िताब पहली बार जीता है और ये जीत हासिल करने वाली वो पहली एशियाई टीम बन गई है। स्वीडन ने फ़्रांस को एक के मुक़ाबले दो गोल से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया।

इससे पहले 26 जून को बर्लिन में मेज़बान जर्मनी और कनाडा के बीच खेले गए मैच से इस महिला फ़ुटबॉल विश्व कप की शुरूआत हुई थी। इस टूर्नामेंट के लिए 16 टीमों ने क्वालीफ़ाई किया था और ये मैच नौ शहरों में खेले गए थे।

स्थानीय लोगों की रुचि जर्मन टीम में थी। लोगों को उम्मीद थी कि उनकी टीम लगातार तीसरी बार ख़िताब को अपने नाम कर लेगी लेकिन जर्मनी की टीम क्वार्टर फ़ाइनल में ही जापान से शिकस्त खा गई थी।

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