ओलंपिक से बड़ी कोई स्पर्धा नहीं। इसलिए ज्वाला की मां येलन गुट्टा चाहती हैं कि बेटी कूल होकर खेले और देश के लिए पदक जीत कर लौटे।

बीबीसी से बातचीत में येलंन ने कहा, “मेरा ज्वाला से यही कहना है कि वह ओलंपिक में ठंडे दिमाग से खेले और मेडल जीते। क्योंकि सभी के पास सिर्फ एक ही मौका है जबकि ज्वाला के पास दो चांस हैं। इन दोनों मौकों को उसे अच्छी तरह भुनाना चाहिए.”

ज्वाला के दो चांस

ज्वाला इतिहास बना कर लंदन ओलंपिक में जा रही हैं। मिक्स्ड डबल्स और वूमेंस डबल के लिए क्वॉलीफाई करने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।

मैचों के दौरान अपनी बेटी का हौसला बढ़ाने के लिए कोर्ट में मौजूद रहने वाली येलन ने कहा, “मै अपनी बेटी को जानती हूं। उसका दिमाग सबसे मजबूत पहलू है। अगर वह ठान ले कि जीतना है तो उसे कोई नहीं रोक सकता। अगर उसने कुछ नहीं करना होगा तो कुछ नहीं करेगी.”

येलन बताती हैं कि स्टेडियम में उन्हें अपनी बगल में पानी की बोतल लेकर बैठना पड़ता है क्योंकि ज्वाला के जरा सा भी नर्वस होने पर उनका गला सूखने लगता है। ज्वाला भी हर बेहतरीन शॉट्स के बाद अपनी मां की तरफ देखती हैं। येलन भी ज्वाला के साथ लंदन जा रही हैं। बाकी परिवार भी गुट्टा का हौंसला बढ़ाने के लिए के लिए वहां होगा।

अच्छी फिटनेस

येलन ने बताया, “ज्वाला ने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया है। उसने काफी वजन घटाया है.” विवादों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ज्वाला को छोटी उम्र से राजनीति का सामना करना पड़ा।

येलंन ने कहा, “मेरी बेटी ने हर कदम पर मुश्किलों का सामना किया है। बहुत राजनीति देखी है उसने। लेकिन हर बार विवादों, आरोपों और अफवाहों के बाद वह हमेशा बेहतर खेली है। कॉमनवेल्थ गेम्स इसका उदहारण है.”

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