कानपुर (ब्यूरो)। जिला जज प्रदीप कुमार ङ्क्षसह की कोर्ट ने महिला की हत्या में पति, दो बेटों समेत चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सभी पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। महिला की हत्या ईंट से सिर कूचकर की गई थी। पति चाहता था कि जिस मकान में वह रहती है वह सास से कहकर उसके नाम करा दे।

महिला रहती थी अलग
तारिक शादाब ने कासिमगंज थाना चमनगंज निवासी मो। शाकिर, उसके बेटे शाकिब, अर्सलान, गम्मू खां का हाता कर्नलगंज निवासी गुड्डू हलवाई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि उसकी बहन शेहला परवीन का निकाह मो। शाकिर के साथ 21 साल पहले हुआ था। उसकी बहन के दो बेटों शाकिब और अर्सलान हैं। पति और दोनों बेटों के मनमुटाव पर बहन डिप्टी पड़ाव में अकेले रहती थी। मो। शाकिर उसकी बहन से आए दिन मारपीट करता था। इसमें उसका बहनोई गुड्डू हलवाई सहयोग करता था।

11 जून 2019 की वारदात

बहन के घर के बगल में रहने वाले किरायेदार ने 11 जून 2019 को रात 12:30 बजे घर आकर बताया कि उसकी बहन का पति, दोनों बेटे व उसका बहनोई अंदर से कमरा बंद कर मारपीट कर रहे है। वह वहां पहुंचा तो शेहला परवीन की लाश पड़ी थी। ईंट से कूचकर उसकी हत्या की गई थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ओंकार नाथ वर्मा ने बताया कि अभियोजन की तरफ से आठ गवाहों की गवाही कराई गई। शेहला की मां नफीसा बेगम ने गवाही में कहा था कि उसने अपनी बेटी को डिप्टी का पड़ाव में मकान दिया था। मकान कई किरायेदार भी हैं। शाकिर उस पर दवाब डालता था कि यह मकान वह अपनी मां से कहकर उसके नाम करा दे। घटना से एक साल पहले उसने बेटी को तलाक दे दिया था।

अभियोजन ने की थी मृत्यु दंड की मांग
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी ने बताया कि घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर अदालत ने फैसला सुनाया। अभियोजन की तरफ से अभियुक्तों को मृत्यु दंड की मांग की गई थी। कहा था कि महिला की हत्या उसके पति और बेटों ने की है। इसलिए यह मामला विरल से विरलतम की श्रेणी में आता है।