कानपुर (ब्यूरो) एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में रोड एक्सीडेंट्स की संख्या वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में काफी बढ़ गई है। जहां वर्ष 2020 में 28653 रोड एक्सीडेंट हुए थे, वहीं पिछले वर्ष यह संख्या बढ़ कर 33711 तक पहुंच गई। यूपी के कानपुर, प्रयागराज, गाजियाबाद, लखनऊ में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है। कानपुर में वर्ष 2020 में 418 लोगों की जान एक्सीडेंट में चली गई थी, वहीं 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 593 हो गया। वहीं यूपी में आगरा, मेरठ में रोड एक्सीडेंट्स की संख्या घटी है।

हादसों की कई है वजह
सिटी में हादसों की एक नहीं कई वजह है। चौराहों के आसपास टेम्पो, ऑटो व ई रिक्शा की अराजकता है। ये रोड और चौराहों के पास गाडिय़ां खड़ी कर सवारियां भरते हैं। इसकी वजह से भी हादसे होते हैं। सिटी में सड़क पर हर जगह एनक्रोचमेंट हैं। वहीं नो एंट्री के बावजूद ट्रकों की धमाचौकड़ी के कारण भी हादसे हो चुके हैं। सर्दियों में हाइवे पर खड़े ट्रक व अन्य गाडिय़ों के कारण हादसों में लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में गाड़ी चलाने वाले लोग भी ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करते हैं। न तो हेलमेट पहनते हैं और न ही सीट बेल्ट लगाते हैं। इसी वजह से कानपुर में हादसों की संख्या लखनऊ से कम रही, बावजूद इसके रोड एक्सीडेंट्स में डेथ अधिक लोगों की हुई है।

ये हैं हादसों की वजह
-- टेम्पो, ऑटो, ई रिक्शा की अराजकता
-- रोड तक फैला रहता एनक्रोचमेंट
-- कई जगह खस्ताहाल रोड्स
-- नो एंट्री के बावजूद ट्रकों की धमाचौकड़ी
-- स्ट्रीट लाइट्स खराब होने से रोड्स पर अंधेरा
-- ट्रैफिक सिग्नल खराब रहना भी एक वजह
-- ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करने पर हादसे
- नेश की हालत में ड्राइविंग करना
- ओवर स्पीड गाड़ी चलाना

सिटी- टोटल केस-- इंजर्ड-- डेथ
आगरा-- 160-- 53-- 166
प्रयागराज- 594--406--264
कानपुर-- 593-- 299-- 593
लखनऊ-- 1063-- 655-- 459
मेरठ-- 348-- 238-- 141
रांची-- 183-- 129-- 102
पटना-- 384-- 285-- 210
गाजियाबाद-296-219--129

रोड एक्सीडेंट: एक नजर में
सिटी-- 2020-- 2021
आगरा-- 216-- 160
प्रयागराज--221-- 594
गाजियाबाद--154--296
कानपुर-- 418-- 593
लखनऊ-- 1010-- 1063
मेरठ-- 377-- 348
रांची-- 247-- 183
पटना-- 373- 384

यूपी में टोटल रोड एक्सीडेंट
2021-- 33711
2020-- 28653