कानपुर (ब्यूरो) मुख्य अतिथि आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो। सुहास जोशी ने आधी सदी के दौरान दुनिया में विनिर्माण प्रौद्योगिकी के विकास पर प्रकाश डाला। प्रो। समीर खांडेकर ने डिजाइन प्रक्रिया को समझाया। मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग विभागाध्यक्ष प्रो। जे रामकुमार ने बताया कि कोपेन का यह 12वां सम्मेलन है। जिसकी मेजबानी पहली बार आईआईटी कानपुर कर रहा है। इस सम्मेलन को विज्ञान एवं इंजीनियङ्क्षरग अनुसंधान बोर्ड, डीआरडीओ, इसरो, आईआईटी गुवाहाटी, लोहिया कार्प का समर्थन मिला है। सम्मेलन तीन विषयों शुद्धता अभियांत्रिकी, विनिर्माण प्रक्रिया और मापन पर केंद्रित है।

215 आवेदन मिले हैं
ये इंजीनियङ्क्षरग क्षेत्र किफायती स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष अन्वेषण, रक्षा, एयरोस्पेस में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं। करीब 215 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 175 को स्वीकार किया गया है। देश-विदेश से 300 से ज्यादा विशेषज्ञ, शिक्षक, छात्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, उद्योगों व अनुसंधान प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

इन्होंने भी दिए व्याख्यान
संस्थान के प्रो। मोहित, फाउंड्री जियोमेट्रिक्स के सीईओ एच अर्जुन वाडकर, डा। विश्वास पुट्टीगे, टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रो। सतीश, सिनसिनाटी विश्वविद्यालय से प्रो। मुरली सुंदरम, डा। जयदीप करंदीकर, आइआइएससी से डा। कौशिक विश्वनाथन, आईआईटी मंडी से डा। सनी जफर, गुवाहाटी से डा। साजन कपिल, प्रो। यूएस दीक्षित, भुवनेश्वर से डा। सुवरदीप मलिक, खडग़पुर से डा। वेंकट नागा, पलक्कड़ से डा। अफजल अहमद, बांबे से डा। दीपक मारला, रोपड़ से डा। चंद्रकांत कुमार, मद्रास से प्रो। जीएल सैमुअल, गांधीनगर से डा। मधु वडाली, जम्मू से डा। शिवा एस, केपटाउन विश्वविद्यालय से डा। रमेश कुप्पुस्वामी ने भी व्याख्यान दिया।