कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर क्राइम ब्रांच ने साढ़े बारह लाख की साइबर ठगी में नाइजीरियन ठग अर्नेस्ट संडे मोरा को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। अर्नेस्ट संडे मोरा का वीजा भी एक्सपायर हो गया था, जिसकी जानकारी क्राइम ब्रांच ने नाइजीरियन और इंडियन एंबेसी को भेज दी है। पुलिस के मुताबिक इंडिया में अर्नेस्ट जैसे नाइजीरियन की संख्या 1000 से ज्यादा है। जो साइबर फ्रॉड के बड़े खिलाड़ी बन चुके हैैं।

ये शातिर अपना ठिकाना ऐसी जगह बनाते हैैं, जहां से इनको अंडरग्राउंड होने में टाइम न लगे। भारत और नाइजीरिया की दोस्ती का ये शातिर फायदा उठा कर एजुकेशन और टूरिस्ट वीजा लेकर देश में आते हैैं। वीजा एक्सपायर होने के बाद मित्र देश के नागरिक बोने की वजह से इन पर किसी बड़ी कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। इंडियन एंबेसी इनकी सूचना नाइजीरियन एंबेसी को देती है उसके बाद इन्हेें ससम्मान नाइजीरिया की फ्लाइट से रवाना कर देती है। किसी क्राइम में पकड़े जाने पर जमानत के बाद सरकार इन्हें वापस इनके देश भेज देती है।

साढ़े तीन सौ करोड़ की साइबर ठगी
एक साल पहले स्वरूप नगर में पकड़े गए नाइजीरियन के खिलाफ बरेली के इज्जत नगर थाने में केस दर्ज किया गया था। ये केस 2020 में दर्ज किया गया था, इसकी मुकदमा संख्या 264/20 था। इस केस में पुलिस ने 350 करोड़ की साइबर ठगी दर्ज की थी। कानपुर के धागा कारोबारी के 30 लाख रुपये नगद बरामद हुए थे और 50 लाख रुपये खातों में होल्ड कराए गए थे। 21 लोग जेल भेजे गए थे। 350 करोड़ की इस ठगी के 18 आरोपियों की जमानत हो चुकी है। उनके पास से 125 एटीएम कार्ड और सैकड़ों बैैंक पासबुक बरामद हुई थीं।


कानपुर जेल में तीन नाइजीरियन ठग
नाइजीरियन फ्रॉडर्स की जानकारी करने पर पता चला कि नाइजीरियन एक दिन में करोड़ों की साइबर ठगी करते हैैं। महंगी गाडिय़ों से चलते हैैं। जिस शहर के लोगों को निशाना बनाते हैैं। वहां अपना लोकल नेटवर्क भी खड़ा कर देते हैैं। रुपयों के लालच में गरीब लोग इनके जाल में आसानी से फंस जाते हैैं और इनका साथ देने लगते हैैं। अर्नेस्ट संडे मोरा को मिला कर कानपुर जेल में तीन नाइजीरियन साइबर ठग बंद हैैं।

साइबर फ्रॉड के लिए औद्योगिक शहर रहते निशाने पर
नाइजीरियन ठगों के गैैंग को क्रेक कर चुके यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर के मुताबिक इनका हब दिल्ली, नोएडा और हरियाणा में है। ये उन शहरों को निशाना बनाते हैैं जहां उद्योग ज्यादा होता है। जैसे बरेली, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, भदोही समेत तमाम वे जिले इनके सीधे टारगेट पर रहते हैैं। बड़ी कंपनियों की मेल हैक करना इनके बाएं हाथ का खेल होता है। मेल हैक करने के बाद ये दोनों तरफ की मेल देख़ते रहते हैैं। जिस समय बड़ी रकम का लेन-देन होता है। इसी समय ये कंपनी को मेल कर जानकारी देते हैैं कि पिछली मेल में कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम है, जिसकी वजह से नई मेल बनाई गई है। इस मेल में दी गई जानकारी पर रुपए भेजें। पेमेंट देने वाला इनकी बताई मेल पर रुपये भेज देता है और फाइनेंशियल फ्रॉड का शिकार हो जाता है।

एक्स, वाई और जेड पार्टियों का अलग-अलग काम
पुलिस के मुताबिक तीन पार्टियां एक्स, वाई और जेड होती हैैं। एक्स पार्टी यानी जिनका खाता खुलवाया जाता है। वाई पार्टी जो नाइजीरिया में बैठी है जबकि जेड पार्टी ये ठग खुद होते हैैं। इन शातिरों के इंडियन साथी गरीबों को तलाशते हैैं। कभी पेंशन के नाम पर तो कभी घर बनाने की सरकारी योजना के नाम पर ये उनका खाता खुलवा देते हैैं। जबकि खाते के सारे कागजात (पासबुक, एटीएम, चेकबुक) सब अपने पास रख लेते हैैं। इन सभी खातों में या तो नाइजीरियन ठग का नंबर पड़ता है या उनके लोकल साथी का। इसके बाद कभी गिफ्ट के नाम पर कस्टम ड्यूटी भुगतान करने, कभी दोस्त के कस्टम में फंसने के नाम पर और कभी डुप्लीकेट ई-मेल बनाकर साइबर ठगी का पैसा उन खातों में डाल देते हैैं, जो गरीबों के होते हैैं। नाइजीरियरन गैैंग का सारा टेक्निकल काम नाइजीरिया से ही चलता है। ठगी के बाद जब पुलिस एकाउंट होल्डर के पास पहुंचती है तो उसका घर छप्पर में होता है, जिससे वसूली नहीं हो सकती है।

साइबर एक्सपर्ट की सुनिए
- कभी किसी कस्टम के नाम की कॉल जिसमें रुपये मांगे गए हों, उनके झांसे में न आएं।
- कंपनी मालिक डुप्लीकेट मेल से सावधान रहें, इस मेल पर बताए एड्रेस पर रुपये न डालें
- ठगों की डुप्लीकेट मेल से बचने के लिए समय-समय पर मेल का पासवर्ड बदलते रहें
- सोशल मीडिया पर किसी विदेशी से दोस्ती सोच-समझ कर करें, ये फ्रॉडर्स भी हो सकते हैैं।
- फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत साइबर सेल या कानपुर क्राइम ब्रांच में संपर्क करें।
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नाइजीरियन ठगों के साइबर फ्रॉड
- कुल मामले (2022) - 69
- कितने पकड़े गए --- 14
- कितने की ठगी - करीब 152 करोड़
- कितने मामले सॉल्व हुए - 24

&& नाइजेरियन अर्नेस्ट संडे मोरा को जेल भेज दिया गया है। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर गैैंग में शामिल महिला और दूसरे साथियों की तलाश की जा रही है.&य&य
सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम कानपुर