आई एक्सक्लूसिव

-आइआइटी की टीम ने टेक्निकल सर्वे का काम पूरा किया

-गांव वाले टीम के साथ मिलकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना रहे

KANPUR : गंगा किनारे बसे कानपुर सिटी के 5 गांवों को आइआइटी ने गोद लेकर उनका टेक्निकल सर्वे का काम पूरा कर दिया है। देश के प्रॉमिनेंट टेक्निकल एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस ने गंगा किनारे बसे 65 गांवों को गोद लिया है। आइआइटी गांव का कचरा व गंदा पानी गंगा में नहीं गिरने देगा। आइआइटी ने जिन गांवों को गोद लिया है उनकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट गांव वाले बना रहे हैं। जिसके बाद अगले चरण का काम शुरू किया जाएगा। यह जानकारी आईआईटी के सीनियर प्रोफेसर डॉ। विनोद तारे ने दी।

वेस्ट गंगा में न गिरने पर जोर

आइआइटी कानपुर की टीम ने गंगा किनारे बसे रमेल नगर, ख्यौरा कटरी, हिन्दूपुर, प्रतापुरहरि और लुधवाखेड़ा का सर्वे का काम पूरा कर लिया है। कानपुर टीम के सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट अभिषेक गौर ने बताया कि ऑलमोस्ट पांच गांवों का फ‌र्स्ट फेज का सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। सर्वे में सबसे ज्यादा फोकस इस बात पर किया गया है कि गांव के वेस्ट कचरा गंगा में न गिरे। प्रोफेसर डॉ। तारे ने बताया कि सर्वे के बाद आइआइटी की टीम के साथ मिलकर गांव के रहने वाले प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाएंगे। इस काम को हर हाल में तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा। गांव के इन प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा करने का प्लान है।

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तालाबों को िमलेगा जीवनदान

गांव में कितने टॉयलेट बनाए जाएंगे, इसकी एनालिसिस की जा रही है। गांव के अगर तालाब पाट दिए गए हैं तो उन्हें फिर से जीवनदान दिया जाएगा। गांव का सीवेज पानी कहां जा रहा है यह गंगा में न गिरे इसकी मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी। खास बात यह होगी प्रोजेक्ट में जो भी काम होगा उसे गांव वालों से ही कराया जाएगा। ताकि उन्हें आर्थिक फायदा भी मिल सके। यह देखा जाएगा कि कौन आदमी क्या काम कर सकता है।