कानपुर (ब्यूरो)। पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की एसटीएफ जांच कर रही है। मंडे को एसटीएफ ने छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से एसटीएफ मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है। पकड़े गए लोगों ने मोबाइल से क्वेश्चन पेपर आने और ऑनलाइन पेमेंट देने की बात कही है। एसटीएफ सूत्रों की माने तो जिस खाते में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर की गई है, उस खाते को सीज कर दिया गया है। ये बैैंक खाता शिखा गौतम निवासी अम्बेडकर नगर के नाम से है। एसटीएफ अब पेपर लीक के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है। वहीं, संडे को गोविंद नगर थाने में हुए विवाद के बाद एडवोकेट को जेल भेज दिया गया है।

5-5 लाख में सौदा
अब तक की जांच में पता चला है कि जेल भेजे गए एडवोकेट ने 5-5 लाख रुपये में पेपर कई लोगों को बेचा था, जबकि 60-60 हजार रुपये एडवांस लिए थे। सारा लेन देन ऑनलाइन किया गया था। एक निजी बैैंक में खाता धारक शिखा गौतम के खाते की जांच करने के दौैरान पता चला कि ये बैैंक खाता कुछ महीने पहले ही खोला गया था। 20 फरवरी को इस खाते से रकम निकाल ली गई है। एसटीएफ सूत्रों की माने तो हर जिले से अलग-अलग खातों में रकम मंगाई गई थी। जिन्हें बंद कर दिया गया है। पकड़े गए आधा दर्जन लोगों से इन खातों के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

अभ्यर्थी के पास मिले सॉल्वड पेपर
एसीपी बाबूपुरवा अमरनाथ यादव ने बताया कि गोविंदनगर थाना क्षेत्र के रतनचंद्र खत्री इंटर कॉलेज में 18 फरवरी को यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा चल रही थी। दूसरी पाली में कक्ष निरीक्षक मोनिका सिंह ने महाराजपुर के कुलगांव निवासी प्रदीप कुमार को नकल करते हुए पकड़ा। इसके बाद प्रदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जेल भेज दिया गया था.अमरनाथ यादव ने बताया कि प्रदीप के पास मिले सॉल्वड पेपर की पड़ताल की गई। इसमें सामने आया कि कानपुर देहात के बरौर के रहने वाले वकील आशीष सचान ने उन्हें 5 लाख रुपए में पेपर बेचा था। एडवांस में 60 हजार रुपए लिए थे। आशीष ने एक-दो नहीं, कई अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेकर सॉल्वड पेपर बेचा था। आशीष ने वॉट्सऐप पर सॉल्वड पेपर भेजने के बाद अपने वॉट्सऐप से डिलीट भी कर दिया था। पुलिस ने बैकअप लेकर प्रदीप के वॉट्सऐप और कॉल डिटेल की जांच की। फिर वकील आशीष सचान को अरेस्ट कर लिया था।

अधिवक्ता से जुड़ा है सिंडिकेट
अधिवक्ता की कॉल डिटेल और वॉट्सऐप की जांच से मिला कि उसका नेटवर्क यूपी पुलिस के पर्चा आउट कराने वाले सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है। जल्द ही अधिवक्ता से जुड़े अन्य पर्चा आउट कराने वाले गिरोह के सदस्यों को अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा।

एसटीएफ कर रही जांच
कोचिंग मंडी की वजह से कानपुर से सॉल्वर गैैंग का पुराना नाता है। किसी भी एग्जाम में अगर पेपर लीक होता है तो कानपुर का नाम पहले आता है। एसटीएफ सूत्रों की माने तो पुलिस भर्ती एग्जाम में सीधे शासन के निर्देश होने की वजह से एसटीएफ और दूसरी टीमें जांच कर रही हैं।