--CSJMU नया ऑर्डिनेंस बनाने की कवायद में जुटा

-रेगुलर टीचर ही पीएचडी के सुपरवाइजर बन सकेंगे

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KANPUR : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) ने पीएचडी के नए नॉ‌र्म्स जारी कर दिए हैं, जिसमें कि अब पीएचडी स्कॉलर को चार साल की जगह 6 साल में पीएचडी करने की आजादी दी गई है। सबसे खास बात यह है कि रेगुलर टीचर ही पीएचडी के सुपरवाइजर बन सकेंगे। यूनिवर्सिटी लेवल पर जो कैंडिडेट्स एंट्रेंस क्वालिफाई करेंगे उन्हें ही पीएचडी करने का अवसर दिया जाएगा। छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी प्रशासन पीएचडी के लिए नये सिरे ऑर्डिनेंस बनाने की कवायद कर रहा है।

50 परसेंट वालों को भी मौका

यूजीसी ने 19 सितंबर 1991 से पहले जिनके 50 परसेंट से ऊपर मा‌र्क्स हैं उन्हें भी एमफिल व पीएचडी करने का अवसर दे रही है। इसके बाद एमफिल व पीएचडी करने वालों को 55 परसेंट मा‌र्क्स पीजी में अनिवार्य कर दिया है। पीपीएन कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर इंग्लिश एचओडी डॉ। बीडी पांडेय ने बताया कि एमफिल के लिए टाइम एक से दो साल कर दिया गया है। वहीं पीएचडी के लिए 3 से 6 साल का टाइम दिया गया है। महिलाओं व विकलांग कैंडिडेट्स को लिए 8 साल तक का टाइम दिया गया है, जिसमें वह अपना रिसचर्1 वर्क पूरा कर सकेंगे।

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इंटरव्यू में कड़ा इम्तिहान होगा

अब पीएचडी व एमफिल के लिए एक बार फिर से नये सिरे से ऑर्डिनेंस बनाने की कवायद यूनिवर्सिटी प्रशासन करने में जुट गया है। एंट्रेंस एग्जाम में रिसर्च मेथडोलॉजी व रिसर्च सब्जेक्ट के 50-50 परसेंट क्वैश्चन पूछे जाएंगे। जो कैंडिडेट एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई कर लेगा उसे एक बार फिर डिपार्टमेंट के हेड के सामने इंटरव्यू प्रॉसेस से गुजरना होगा, जहां पर वह अपने टॉपिक के बारे में डिस्कशन करेंगे।

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यूजीसी की नई गाइडलाइंस के अनुसार एक बार फिर नया ऑर्डिनेंस बनाया जा रहा है। ऑर्डिनेंस बनने के बाद चांसलर के पास अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। चांसलर के ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद एंट्र्ेंस एग्जाम की तैयारी की जाएगी। इसमें अभी थोड़ा वक्त लगेगा।

-जेवी वैशम्पायन, वाइस चांसलर, सीएसजेएमयू