पीटीआई समाचार एजंसी के मुताबिक गुड़गांव के उप पुलिस आयुक्त महेश्वर दयाल ने बताया है कि बुधवार को हुई हिंसा में, “करीब 50 लोग घायल हुए जिनमें दो विदेश नागरिक शामिल हैं”। दयाल ने बताया कि प्लांट के आसपास करीब 1,200 पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

गुरूवार को हुई हिंसा में मारुति के प्लांट में आगजनी और तोड़फोड़ हुई, जिसके बाद वहां से एक जली हुई लाश भी बरामद हुई। इसकी पहचान अबतक नहीं की जा सकी है। हरियाणा के उद्योग मंत्री रंदीप सिंह सूजेवाला ने पीटीआई से कहा कि, “जैसे ही स्थिति बेहतर होगी, श्रम विभाग जल्द से जल्द कर्मचारियों और मैनेजमेंट के बीच सुलह करवाने के प्रयास करेगा.”

प्लांट बंद

एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मारुति प्रबंधन ने कर्मचारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और मानेसर के प्लांट को फिलहाल बंद किए जाने की सूचना दी। वहीं कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि हिंसा की शुरुआत एक सुपरवाइजर की ओर से की गई ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ के बाद हुई।

मानेसर स्थित इस प्लांट में सालाना, मारुति सुजूकी की भारत में बनने वाली कुल गाड़ियों में से एक-तिहाई बनाई जाती हैं। इस प्लांट में मारुति के स्विफ्ट, डिजायर, एसएक्स-4 और ए-स्टार मॉडल बनाए जाते हैं।

पिछले एक वर्ष में मारुति के इस प्लांट में कर्मचारी कई बार हड़ताल पर गए हैं। वेतन और काम की परिस्थितियां बेहतर करने की मांगों से जुड़ी इन हड़तालों में मारुति को करीब 50 करोड़ डॉलर का नुकसान हो चुका है।

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