कानपुर (ब्यूरो)। चर्चित बिकरू कांड के आरोपी जयकांत बाजपेई सहित तीनों भाइयों पर लगा गुंडा एक्ट कानपुर पुलिस ने गुपचुप तरीके से हटा लिया है। जेल में बंद जयकांत के साथ ही उसके काले धंधों में तीनों भाइयों की भी संलिप्तता सामने आई थी। जिसके बाद तीनों भाइयों पर 2021 में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी के आदेश पर तीनों की गुंडा एक्ट को खत्म कर दिया गया है।

काले धंधों में पार्टनर थे तीनों

जयकांत बाजपेई गैंगस्टर विकास दुबे का खजांची था। बिकरू कांड के बाद अपनी लग्जरी गाडिय़ों, असलहे और रुपए देकर गैंगस्टर विकास दुबे को भगाने की कोशिश की थी, लेकिन इससे पहले जयकांत की तीनों गाडिय़ों को पुलिस ने पकड़ लिया था। जांच में उसके तीनों भाइयों शोभित, अजयकांत और रजयकांत बाजपेई की भी संलिप्तता सामने आई थी। इसके बाद नजीराबाद पुलिस ने तीनों भाइयों शोभित बाजपेई, रजयकांत बाजपेई और अजयकांत बाजपेई के खिलाफ नजीराबाद थाने से गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी।

संदेह के घेरे में खाकी

मौजूदा समय में नजीराबाद थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप हैं। बिकरू कांड के दौरान दबिश में शामिल कौशलेंद्र के पैर में भी गोली लगी थी। वह बिकरू कांड के प्रत्यक्षदर्शी हैं। लंबे इलाज के बाद कौशलेंद्र ड्यूटी पर वापस लौट सके थे। इसके बाद भी कौशलेंद्र के कार्यकाल पर जयकांत बाजपेई के तीनों भाइयों की गुंडा एक्ट खत्म होने पर उनकी भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। बिकरू कांड के आरोपियों में से 30 लोगों पर चौबेपुर पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी। कानपुर देहात की गैंगस्टर कोर्ट ने 5 सितंबर 2023 को जयकांत समेत 23 आरोपियों को दस साल जेल की सजा सुनाई है।