कानपुर (ब्यूरो) फिलेटलिस्ट आदित्य अस्थाना बताते हैं कि शहर में सबसे पहला पोस्ट ऑफिस वर्ष 1802 में प्रेसिडेंसी ऑफ बंगाल के आधीन शुरू हुआ और 1839 में आगरा को पोस्टल सर्किल का मुख्यालय बनाया गया। उस दौर में बैल गाड़ी और दौड़कर ब्रिटिश अफसरों के लेटर और पार्सल घरों में पहुंचाए जाते थे। 1859 में कानपुर प्रयागराज (इलाहाबाद) के रेलवे सेक्शन बना और रेल सुविधा शुरू हो गई। जीटी रोड के टाट मिल क्रांसिग पर ईस्ट इंडिया रेलवे ने रेलवे स्टेशन बनवाया। मई 1864 में कानपुर से प्रयागराज सेक्शन के बीच चलती ट्रेन में लेटर छांटने के काम की शुरुआत हुई। पोस्ट ऑफिस के नाम से जाना गया और फिर 1880 में इसका नाम बदलकर रेलवे मेल सर्विस (आरएमएस) कर दिया गया।


चौक में खुला पोस्ट ऑफिस
आदित्य बताते हैं कि वर्ष 1867 के दौरान गंगा नदी में नाव के जरिए पार्सल और चिट्ठी लाकर कानपुर में बांटा जा रहा था। 1875 में गंगा पुल बनकर पूरा हुआ और अब कानपुर शहर का पोस्ट ऑफिस अस्तित्व में आया। वहीं, 1890 में कानपुर चौक, कलक्टरगंज, कर्नलगंज, कैंटोमेंट, जनरलगंज, कानपुर रेलवे स्टेशन नंबर एक और दो बन कर तैयार हो गया। इसके बाद 1895 में एलगिन मिल, म्योर मिल और कानपुर वेस्ट पोस्ट ऑफिस प्रयोग में आया। बता दें कि देश में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में वर्ष 1774 को स्थापित किया गया था।


1933 में पहली पोस्टल सर्विस
आदित्य ने बताया कि कानपुर में 1890 में पोस्ट ऑफिस के खुलने के बाद शहर में पोस्ट ऑफिस को लेकर तेजी से विकास हुआ। वहीं, फस्र्ट वल्र्ड वॉर के बाद से कानपुर की डाक सेवा से विदेशों में पार्सल भेजे जाता था। मिलेट्री के कपड़े, जूते, टेंट समेत कई सामानों को यहां से विदेश भेजा जाने लगा। इसके लिए एक जुलाई 1933 को ब्रिटिश एयरवेस लंदन-कराची की एयर सर्विस को कोलकत्ता तक बढ़ाया और कानपुर को इन दोनों के बीच प्रमुख ठहराव रखा गया। इससे ही विदेश और नजदीक के राज्यों में पार्सल जाना शुरू हुआ।

हाईलाइट्स
1802 में प्रेसिडेंसी ऑफ बंगाल के आधीन पहला पोस्ट ऑफिस शुरू हुआ
1839 में आगरा पोस्टल सर्किल का मुख्यालय बना
1867 में गंगा से नाव के जरिए पार्सल और चिट्ठी लाई जाती
1875 में गंगा पुल बना, तब यहां का पोस्ट ऑफिस अस्तित्व में आया
1890 में चौक, कलक्टरगंज, कर्नलगंज में पोस्ट ऑफिस बना
1895 में एलग्नि मिल, म्योर मिल और कानपुर वेस्ट पोस्ट ऑफिस प्रयोग में आया