-आई एक्सक्लूसिव

-आईबी भी एक साल पहले जारी कर चुका है अलर्ट, जेल में बढ़ाई गई सुरक्षा, कानपुर जेल में आतंकी, माओवादी समेत कई शातिर अपराधी हैं कैद

>kanpur@inext.co.in

KANPUR :

पंजाब की नाभा जेल से फरार अपराधियों के भागने की वारदात से कानपुर जेल अफसरों के माथे में पसीना आ गया है। उन्होंने घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था तो बढ़ा दी है है, लेकिन कानपुर जेल के लिए आईबी ने जो रिपोर्ट पिछले साल दी थी, उसने उनकी रातों की नींद उड़ा दी है। बताते चलें कि यहां की जेल में भी आतंकी, पाक नागरिक, माओवादी समेत अन्य खूंखार कैदी बंद हैं और आईबी अपनी रिपोर्ट में गंगा के रास्ते से जेल तोड़ कर भागने के बारे में अलर्ट कर चुका है। हालांकि यह रिपोर्ट एक साल पुरानी है, लेकिन जेल अफसरों ने इसे दोबारा से संज्ञान में लेते हुए सुरक्षा बढ़ा दी है। सोर्सेज के मुताबिक एक डिप्टी जेलर इसकी मानीटरिंग कर रहे हैं।

मचा सकते थे हड़कंप

आईबी ने जेल प्रशासन समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों को तीन पन्ने की रिपोर्ट दी थी। जिसके मुताबिक आतंकी, माओवादी समेत अन्य खूंखार बंदियों के गुर्गे उनको छुड़ाने के लिए कानपुर जेल को भी तोड़ सकते हैं। उनके लिए गंगा की ओर से आने वाला रास्ता सबसे सरल रहेगा। ऐसे में उस ओर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके बाद पुलिस मुस्तैद हुई थी और शहर के हर रास्ते पर इतनी तगड़ी चेकिंग लगा दी गई थी कि वे पुलिस को चकमा देकर भाग नहीं पाए, लेकिन अपराधियों की भी कुछ ऐसी ही मंशा थी, क्योंकि पुलिस इधर बिजी रहे और कैदी गंगा के रास्ते का यूज कर सकें। इसके बाद आनन-फानन में स्पेशल टीमें गंगा की ओर लगा दी गई।

जेल के बाहर भी है नेटवर्क

आतंकी वकास, पाक नागरिक इदरीस और माओवादी राजेंद्र भले ही जेल में बन्द हैं, लेकिन उनका नेटवर्क अभी भी जेल के बाहर फैला है। उनके गुर्गे जेल के बाहर सक्रिय हैं। आईबी ने जो रिपोर्ट दी थी। उसके मुताबिक वे दो तरह से जेल से भाग सकते हैं। पहले वे जेल में सेंध लगाकर उनको छुड़ाने की कोशिश करेंगे। इसके लिए उनके गुर्गे खुद छोटे अपराध कर जेल जाएंगे और फिर वहां के बंदियों समेत अन्य सुरक्षा कर्मियों को लालच देकर सेंध लगाएंगे, लेकिन अगर वे कामयाब नहीं हो पाएंगे तो वे पंजाब की नासा जेल की तरह जेल को ब्रेक करने के लिए हमला भी बोल सकते हैं।

कौन हैं वो तीन शातिर?

आईबी ने आतंकी वकास, पाक नागरिक इदरीश और माओवादी राजेंद्र के लिए अलर्ट जारी किया। आतंकी वकास को एटीएस ने छह साल पहले बिठूर से पकड़ा था। उसके पास से एटीएस को सेना के गोपनीय दस्तावेज, फोटो और वीडियो बरामद हुए थे। वो यहां पर कथित सास के घर पर रुका था। उसको भी एटीएस औरैया से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

पकड़ा था 8 माओवादियों को

एसटीएफ ने 8 फरवरी 2010 को बसन्तनगर और जूही में छापा मारकर राजेंद्र समेत आठ माओवादियों को पकड़ा था। जिसमें सात माओवादी जमानत पर छूट गए हैं, लेकिन राजेंद्र अभी भी जेल में है। वो बेहद शातिर है। उसके खिलाफ अन्य प्रदेशों में भी मुकदमा चल रहा है। इन तीनों के अलावा बांग्लादेशी नागरिक मो। हासिफ भी जेल में बंद है।

'नाभा जेल ब्रेक की घटना को संज्ञान में लेते हुए यहां पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। यहां पर आतंकी, माओवादी, बांग्लादेशी और पाक नागरिक बंद हैं। उनके हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। कोई भी रास्ता हो हर तरफ 24 घंटे सुरक्षा को और पुख्ता कर दिया गया है। कानपुर जेल की सुरक्षा हाई अलर्ट पर है.'

- विपिन मिश्रा, जेल अधीक्षक, कानपुर