राहत फ़तेह अली ख़ान मानते हैं कि उनकी आवाज़ के अनूठेपन और रूहानियत की वजह क़व्वाली है। जब उनसे पूछा कि उनकी आवाज़ जन्मजात तोहफ़ा है या फिर इसकी कुछ और वजह है, तो उनका कहना था, “जो हमारे परिवार में क़व्वाली गाने की परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी गाती चली आ रही है, हमारी आवाज़ का अनूठापन और रूहानियत की वजह क़व्वाली ही है। मेरा परिवार चार-साढ़े चार सौ सालों से क़व्वाली की ख़िदमत करता चला आ रहा है.”

ज़ाहिर है कि मशहूर पाकिस्तानी गायक, स्वर्गीय नुसरत फ़तेह अली ख़ान के भतीजे राहत को संगीत में मिला है और वो इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

अपने बचपन के बारे में बात करते हुए राहत ने बताया, “मेरे परिवार का माहौल संगीतमय था। मेरे दादा चार भाई थे जिनमें से तीन एक साथ गाते थे। बचपन में हम एक हवेली में चार-पांच परिवार एकसाथ रहते थे जहां बच्चे अंताक्षरी खेलते थे। तब के हिंदी फ़िल्मों के गाने भी हमारे घर में बजा करते थे। हमने लता मंगेशकर, मो.रफ़ी, मुकेश और किशोर कुमार को बचपन में बहुत सुना.”

राहत कहते हैं कि उन्हें शुरु से पता था कि वो गायक बनना चाहते थे क्योंकि उन्हें संगीत से बहुत प्यार था। उन्हें संगीत की शिक्षा उनके तायाजी, नुसरत फ़तेह अली ख़ान ने दी।

उन्होंने बताया, “मैं उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान का दत्तक पुत्र था। उन्होंने मुझे बेटे की तरह शास्त्रीय संगीत और क़व्वाली सिखाई। बचपन में जब उन्हें आठ से दस घंटे रियाज़ करते हुए देखता था तो अच्छा भी लगता था लेकिन घबराहट भी होती थी कि ऐसा करना पड़ गया तो क्या होगा। उस्ताद साहेब ने अपनी ज़िंदगी में ही घोषणा कर दी थी कि (संगीत में) मैं उनका उत्तराधिकारी हूं.”

आज राहत फ़तेह अली ख़ान की बॉलीवुड में एक अलग पहचान बन गई है। हिंदी फ़िल्मों में पार्श्वगायन का उनका सफ़र 2003 की फ़िल्म ‘पाप’ के गाने ‘लागी तुझ से मन की लगन’ से शुरु हुआ।

इस बारे में उन्होंने बताया, “1997 में ख़ां साहेब के गुज़रने के बाद हमारा परिवार सोच रहा था कि राहत किस तरह का संगीत बनाया जाए जिसे दुनिया सुने और परिवार का नाम आगे बढ़े। तब 1998 में मैंने एक एलबम बनानी शुरु की जिसका नाम लगन था। इसी में ये गाना ‘लागी तुझ से लगन’ था। लेकिन जो कंपनी ये एलबम बना रही थी वो एकदम ही ख़त्म हो गई और एलबम बीच में लटक गई। फिर 2003 में पूजा भट्ट ने कंपनी के मालिक से कहा की कि उन्हें अपनी फ़िल्म में लेना है और तब ये फ़िल्म में आया.”

तब से आज तक हिंदी फ़िल्मों में राहत फ़तेह अली ख़ान के गाये गाने बेहद लोकप्रिय हुए हैं। वैसे उनका पसंदीदा फ़िल्मी गीत, जिसे उन्होंने ख़ुद नहीं गाया, फ़िल्म ‘हम दोंनो’ का लता मंगेशकर द्वारा गाया ‘अल्लाह तेरो नाम’ है। राहत फ़तेह अली ख़ान की आने वाली एल्बम सूफ़ी क़व्वाली एलबम है। इस एलबम का नाम है ‘इश्क़—ग़ालिब से इक़बाल तक’।

International News inextlive from World News Desk