कानपुर (ब्यूरो) कुछ दिन पहले ही उन्नाव में फेक करेंसी बरामद की गई थी। वहीं प्रयागराज, जालौन, लखनऊ और फतेहपुर में भी फेक करेंसी बरामद हो चुकी है। एडीजी जोन भानू भास्कर ने बताया कि रोडवेज विभाग को पत्र लिखा गया है, जिसमें रास्ते में चेकिंग स्टाफ को अलर्ट करने के लिए कहा गया है। साथ ही आउटर और कमिश्नरेट में बनाए गए 30 फ्लाइंग स्क्वॉयड को भी अलर्ट रहकर सूचना संकलित करने के लिए कहा गया है।

नेपाल बार्डर से लाई जा रही
आईबी से मिली जानकारी के मुताबिक देश में फेक करेंसी पाकिस्तान भेज रहा है। नकली नोटों की ये सप्लाई भारत-नेपाल बॉर्डर के जरिए हो रही है। बता दें कि इससे पहले साल 2018 में भी राजधानी दिल्ली में नकली नोट की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। ये नोट भी नेपाल और बांग्लादेश के जरिए देश में लाए गए थे। पकड़े गए सभी नोट 2000 हजार रुपये के थे। पाकिस्तान हमारे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली नोट की खेप नेपाल रूट से भेजता है। कुछ दिन पहले ही नकली नोट गैंग के सरगना को बिहार से गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली समेत देश के दूसरे हिस्सो में जो जाली नोट पाए जाते हैं वो पाकिस्तान में छापे जाते हैं।

सर्विलांस पर लगाए नंबर
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, कानपुर में फेक करेंसी का चलन पुराना है। इलेक्शन के समय कारोबार करने वाले जोर पकड़ लेते हैैं। चुनाव के दौरान नेपाल के रास्ते ये करेंसी तीस प्रतिशत में खरीदी जाती है और कानपुर में साठ प्रतिशत में बेची जाती है। इस तीस प्रतिशत कमाई में कैरियर और कारोबार करने वाले का खर्च शामिल होता है। नोटबंदी के दौरान कुछ दिन तक फेक करेंसी का काम बंद हो गया था, उसके बाद बदस्तूर चालू हो गया। खुफिया सूत्रों की मानें तो कुछ मोबाइल नंबर भी कानपुर के मिले हैैं, जहां फेक करेंसी स्टोर करके रखा गया है। इन मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लेकर टीमें जानकारी कर रही है।