कानपुर(ब्यूरो)। पनकी धाम स्टेशन से ट्रेन पकडऩा सीनियर सिटीजन, दिव्यांग व महिलाओं के लिए हिमालय पहाड़ की चढ़ाई चढऩे जैसा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि पनकी धाम स्टेशन के प्लेटफार्म एक हो या फिर दो तक पहुंचने के लिए फुट ओवरब्रिज एक मात्र रास्ता है। जिसकी भी सीढिय़ां खड़ी हुई है। सीढिय़ां उतरने व चढऩे में थोड़ी सी चूक होने पर पैसेंजर का गिरना तय है। सिटी के जनप्रतिनिधि लगातार पनकी धाम स्टेशन में दिल्ली-हावड़ा रूट की सुपरफास्ट ट्रेनों का स्टॉपेज दिलाने पर जोर दे रहे है लेकिन बेहतर यह होगा कि पहले पनकी धाम स्टेशन में प्लेटफार्म तक पैसेंजर्स के पहुंचने के लिए नया रैम्प वाला रास्ता बनाया जाए। जिससे पैसेंजर आसानी से प्लेटफार्म तक पहुंच सके।

रोड से कनेक्ट नहीं स्टेशन की बिल्डिंग
पनकी धाम स्टेशन की बिल्डिंग की रोड से कनेक्टिविटिी न होने से पैसेंजर्स को प्लेटफार्म पर पहुंचने के लिए फुटओवर ब्रिज का सहारा लेना पड़ता है। जो सालों पुराना हो चुका है। पनकी धाम स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ रेल ट्रैक बिछे हुए है। लिहाजा स्टेशन की कनेक्टिविटी रोड से होना मुश्किल भी है, इसलिए पैसेंजर्स को राहत देने के साथ फुट ओवरब्रिज के पैरलल ही एक रैम्प फुट ओवरब्रिज बनाने ही विकल्प होगा। जिसकी डिमांड भी सालों से पैसेंजर रेलवे से कर रहे हैं।

टीनशेड नहीं, पैसेंजर्स के लिए प्लेटफार्म पर बने हट
पनकी धाम स्टेशन में तीन प्लेटफार्म है जो पूरी तरह से ओपन है। प्लेटफार्म पर सिर्फ स्टेशन बिल्डिंग के सामने वाला भाग टीनशेड से कवर है। बाकी पूरा प्लेटफार्म ओपन एरिया में बना हुआ है। फिलहाल पैसेंजर्स की सुविधा के लिए प्लेटफार्म पर हट नुमा बनाए गए है। जो बरसात व गर्मी में बेसअर दिखाई देते हैं। पैसेंजर्स को ट्रेन पकडऩे के लिए बरसात में भीग कर व गर्मी में कड़ी धूप से गुजर कर जाना पड़ता है।

तीन हजार पैसेंजर्स में एक टॉयलेट
पनकी धाम स्टेशन पर डेली तीन हजार के लगभग पैसेंजर्स का आवागमन है। जिनके लिए प्लेटफार्म दो व तीन पर सिर्फ एक ही टॉयलेट है। जिसमें भी गंदगी का अंबार है। इन हालातों में पैसेंजर्स को टॉयलेट करने के लिए झाडिय़ों का सहारा लेना पड़ता है। गौरतलब है कि पनकी धाम स्टेशन धार्मिक स्टेशन की श्रेणी में आता है। जहां बुढ़वा मंगल समेत अन्य पर्व में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है। इसके बावजूद सुविधाओं के नाम पर स्टेशन पर टॉयलेट व पेयजल की भी सुविधा नहीं हैं।

एक-एक सप्ताह खाली नहीं होती डस्टबिन
पनकी धाम स्टेशन पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। प्लेटफार्म पर लगी डस्टबिन ऊपर तक भरी हुई थी। जिससे बदबू भी आ रही थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक-एक सप्ताह तक इन डस्टबिन की सफाई नहीं की जाती है। इसके अलावा प्लेटफार्म पर कई स्थानों में कूड़े के ढेर लगे दिखाई दिए। जिसको रेलवे अधिकारियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

इन फैसिलिटी की है जरूरत
- प्लेटफार्म पर टीनशेड की
- वॉटर कूलर की संख्या बढ़ाने की
- टॉयलेट की संख्या बढ़ाने की
- रैम्प फुट ओवर ब्रिज की
- एंट्री प्वाइंट में अवैध कब्जों को खाली कराने की
- स्टेशन बिल्डिंग को रोड से कनेक्ट करने की

एक नजर में
- 10 से अधिक पैसेंजर ट्रेनें का डेली ठहराव
- 3 हजार के लगभग डेली पैसेंजर्स का आवागमन
- 1 फुट ओवर ब्रिज प्लेटफार्म जाने का एकलौता रास्ता
- 3 प्लेटफार्म पनकी धाम स्टेशन पर
- 100 से अधिक ट्रेनों का डेली आवागमन

&& पनकी स्टेशन पर एक नया फुट ओवर ब्रिज बनाने का प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसके अलावा पैसेंजर्स सुविधाओं को भी बढ़ाने की लगातार कवायद चल रही है.&य&य
अमित सिंह, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन