नामांकन पत्र दाखिल करते हुए उन्होंने जो शपथ पत्र दिया है उसके मुताबिक उनकी संपत्ति 6,781 करोड़ रुपये है। दीपक रेड्डी एक अन्य राजनीतिज्ञ जेसी प्रभाकर रेड्डी के दामाद और पूर्व मंत्री जेसी दिवाकर रेड्डी के भाई हैं। वर्ष 2004 में जब से नामांकन पत्र के साथ अपने बारे में जानकारी देने की चलन शुरू हुआ है, तब से किसी उम्मीदवार की तरफ से घोषित ये सबसे बड़ी संपत्ति बताई जा रही है।

15 जून को किस्मत का फैसला

दिलचस्प बात यह है कि जिस संपत्ति का जिक्र उन्होंने अपने शपथपत्र में किया है, उसमें से ज्यादातर जमीन-जायदाद से जुड़ी है और उस पर मुकदमा चल रहा है। वैसे उन्होंने अपनी सालाना आमदनी 3.27 लाख रुपये और पत्नी की आमदनी दो लाख रुपये से कुछ कम बताई है।

दिल्ली स्थित एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म नाम के संगठन का कहना है कि अब तक के सबसे अमीर उम्मीदवारों की फेहरिस्त में रेड्डी के बाद एसएन वाडियार का नाम आता है। लेकिन रेड्डी की संपत्ति उनकी संपत्ति के मुकाबले साढ़े चार गुना ज्यादा है।

वाडियार ने 2004 में कर्नाटक की मैसूर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और अपने संपत्ति 1,522.5 करोड़ रुपये बताई थी। वो चुनाव हार गए थे। रेड्डी की किस्मत का फैसला 15 जून होगा। आंध्र प्रदेश में 12 जून को होने वाले उप चुनाव में विधानसभा की 18 और लोकसभा की एक सीट पर वोट डाले जाएंगे और उसके तीन दिन बाद मतगणना होगी।

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