ली ने कहा, ‘‘किसी भी टूर्नामेंट में खेलने का अंतिम लक्ष्य उसे जीतना होता है, इच्छा और साहस के साथ जीत के लक्ष्य को पूरा करना होता है। जो भी अच्छी तैयारी करता है उसके पास जीतने का मौका होता है। साइना यंग है और काफी कुशल है, अगर वह अच्छा काम जारी रखती है तो उनमें जीतने की पूरी क्षमता है.’’

दो बार के आल इंग्लैंड चैम्पियन ली पिछले कुछ समय से विश्व रैंकिंग में टॉप पर चल रहे हैं और उन्होंने पुरुष वर्ग में अपने दबदबे का श्रेय कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बने रहने के लिए मुझे ट्रेनिंग के लिए रोज सुबह पांच उठना पड़ता है। मैं दौड़ लगाना, खेल की तकनीक और फुटवर्क के अभ्यास, फिजिकल ट्रेनिंग आदि पर काम करता हूं.’’

मलेशिया का यह 29 वर्षीय खिलाड़ी योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज के लिए दिल्ली में होगा। यह टूर्नामेंट लंदन ओलंपिक से पहले लास्ट क्वालीफाइंग टूर्नामेंट है। ली इस टूर्नामेंट को लेकर काफी उत्सुक हैं।

 ली ने कहा, ‘‘मेरे लिए हर टूर्नामेंट बराबर इंर्पोटेंस रखता है। इसलिए मैं अपना बेस्ट् पर फारमेंस करता हूं, मुझे अपने उपर पूरा भरोसा है.’’

 पुरुष वर्ग में दबदबे के बावजूद ली अब तक विश्व खिताब और ओलंपिक गोल्ड मैडल नहीं जीत पाए हैं। बीजिंग 2008 ओलंपिक के मैन्स  सिंग्लस के सिल्वर मैडल विनर ली ने कहा कि ओलंपिक गोल्ड की राह आसान नहीं होती और वह इस गौरव को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

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