मुश्किल में घिरी कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम पर कंट्रोवर्सी बढ़ती ही जा रही है। मुस्लिम ऑग्रेनाइजेशंस के साथ सेटिलमेंट के बाद भी फिल्म अभी रिलीज नहीं हो पा रही है। दूसरी ओर तमिलनाडु की चीफ मिनिस्टर जयललिता ने अपने आप को पूरी कंट्रोवर्सी से अलग करते हुए स्टेटमेंट दिया है कि उन्हें फिल्म को लेकर कोई प्राब्लम नहीं है वो बस मुस्लिम आग्रेनाइजेशंस की रिक्वेस्ट पर एक्शन ले रही हैं क्योंकी वो स्टेट की सिक्योरिटीके लिए रिस्पांसिबल हैं और फिल्म रिलीज होने की सिचुएशन में सिनेमाहॉल्स को सिक्युरिटी देने के लिए सफीसिएंट पुलिस फोर्स अरेंज करना काफी डिफीकल्ट काम है।

Kamal Haasan, Shaharukh  and Salman Khan

हांलाकि उनके कॉफी कलीग उनके साथ खड़े दिख रहे हैं और अब बॉलिवुड के बड़े नाम भी उनके साथ खड़े हो रहे हैं। जहां शाहरुख, करन जोहर, राजबब्बर, महेश भट्ट और जावेद अख्तर जैसे लोग पहले ही उनके फेवर में थे वहीं अब बॉलिवुड के दबंग सलमान खन भी उनको सर्पोट करने आ गए हैं। सलमान ने अपने फैन्स से टिविटर पर रिक्वेस्ट की है कि वे विश्वरूपम जरूर देखें। सलमान ने लिखा है कि यह बस एक फिल्म है और फिल्में दो ही तरह की होती हैं अच्छी या बुरी, हिट और फ्लाप और केवल फिल्म देखने वाली जनता डिसाइड करेगी वो कैसी फिल्म है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो जाएं और सिनेमा हॉल्स के बाहर खड़े हो जाएं और इंसिस्ट करें कि उन्हें फिल्म देखनी है क्योंकि यह उनके इंटरटेंमेंट के लिए है और सुप्रीम कोर्ट और सेंसर के सर्टिफिकेट के बाद कोई गवरमेंट फिल्म को रिलीज होने से नहीं रोक सकती।
 
हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि किसी फिल्म के साथ ऐसा इश्यू जुड़ा है और उसे बैन किया गया हो। इससे पहले हिंदी फिल्म चक्रव्यूह को भी कुछ ऐसे ही स्कैंडल का सामना करना पड़ा था। फिल्म के एक सांग में टाटा, बिड़ला और बाटा जैसी कंपनियों के नाम का यूज किया गया था, जिस पर बाटा ने आब्जेक्शन किया था। बाद में इस गाने को स्क्रीन पर स्पेशल कमेंट के साथ दिखाया गया, जिसमें बताया गया कि इन नामों का यूज सिंबॉलिक तौर पर किया गया है।

साल 2011 में फिल्म आरक्षण का भी कुछ ऐसा ही हाल हुआ था। कुछ ऑग्रेनाइजेशंस का कहना था कि फिल्म में बैक वर्डस के अगेंस्ट  डायलॉग्स यूज किए गए हैं। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब में फिल्म पर बैन भी लगा दिया गया था, लेकिन बाद में यह हटा लिया गया। इससे पहले साल 2010 में शाहरुख खान की फिल्म माई नेम इज खान को भी शिव सेना के प्रोटेस्ट का सामना करना पड़ा था। नंदिता दास डायरेक्टेड फिल्म फिराक (2008) को गुजरात में बैन का सामना करना पड़ा था। 2002 में हुए राइट्स की बैकग्राउंड पर बनी इस फिल्म ने दो नेशनल अवार्ड भी जीते। इसके अलावा राहुल ढोलकिया डायरेक्टेड फिल्म परजानियां और अनुराग कश्यप की ब्लैक फ्राइडे को भी काफी प्राब्लम्स का सामना करना पड़ा था। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म फना को भी गुजरात में बैन फेस करना पड़ा था।

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