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- ड्राइविंग टेस्ट के समय मशीन से तकनीकी पहलुओं की भी अच्छी तरह से जांच हो जाएगी

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KANPUR। आरटीओ में अब लाइसेंस के लिए आने वाले आवेदकों को सेम्युलेटर मशीन के जरिए टेस्ट देना होगा। जल्द ही आरटीओ ऑफिस में ये मशीन लगने जा रही है। इस मशीन से ड्राइविंग टेस्ट देते समय आवेदक के तकनीकी पहलुओं की भी अच्छी तरह से जांच हो जाएगी।

10 मिनट में होगा टेस्ट

सेम्युलेटर मशीन से वाहन चलाने के तकनीकि पक्षों की जानकारी मिल सकेगी। ये एक ऐसी मशीन और सॉफ्टवेयर है, जिसमें आपको ऐसा अहसास होता कि आप कोई वाहन चला रहे हैं। इसमें गाड़ी से संबंधित इंडिकेटर, सेफ्टी बेल्ट, वाइपर, डिपर, क्लच ब्रेक सहित चलाने की सारी सुविधाएं हूबहू रहती हैं। यह मशीन कम से कम 10 बाय 10 के कमरे में सेट होगी। उसके अंदर बैठने पर आपको असल में गाड़ी चलाने का आभास होगा। इस मशीन में करीब 10 मिनट का एक वीडियो है, जिसमें वाहन चलाने जैसा अहसास होता है।

असल में ड्राइिवंग जैसी फील

वैसे तो ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक से भी टेस्ट हो जाता है, लेकिन सेम्युलेटर मशीन से होने वाले टेस्ट की बात ही कुछ और होगी। इसमें तकनीकी बातों जैसे घुमावदार मोड़, अचानक से किसी के सामने आना, पहाड़ों पर गाड़ी चलाना, हाईवे पर गाड़ी चलाना आदि तकनीकी पहलुओं की भी जांच हो जाएगी।

70 प्रतिशत नंबर लाना अनिवार्य

इस मशीन से ड्राइविंग टेस्ट होने पर 70 प्रतिशत तक नंबर लाना अनिवार्य होगा। सेम्युलेटर मशीन में लगा कंप्यूटराइज्ड सिस्टम ही आवेदक को नंबर देगा। यही नहीं वाहन चलाते समय कहां-कहां पर गलतियां की हैं, ट्रैफिक से संबंधित उन सभी गलतियों के बारे में भी मशीन बता देगी।

'आरटीओ में सेम्युलेटर मशीन लगाने की तैयारी है। शासन से बजट पास होते ही मशीन लगवा दी जाएगी।

- प्रभात पाण्डेय, एआरटीओ