कानपुर (ब्यूरो) ज्योति मिश्रा और अमित की हत्या की विवेचना के लिए गठित एसआईटी का अध्यक्ष एडीसीपी ईस्ट ब्रजेश श्रीवास्तव को बनाया गया है। मुख्य विवेचक के तौर पर एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक को रखा गया है। इसके अलावा इन्हें एक इंस्पेक्टर और एसआई सह विवेचक के तौर पर तैनात किए गए हैं। यह एसआईटी फिर से शुरुआत से ज्योति की हत्या साथ ही अमित की हत्या की जांच करेगी।

मौत का कारण स्पष्ट नहीं
सचेंडी के भैलामऊ एमपीसीसी प्लांट के सामने झाडिय़ों में रविवार को अमित का जला शव मिला था। सोमवार का उसका दो डॉक्टर अभिषेक शुक्ला और प्रभाकर त्रिपाठी के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अमित की हत्या शनिवार शाम को ही कर दी गई थी। रविवार को उसका शव बरामद हुआ और सोमवार की दोपहर उसका पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। शरीर में एक एक इंच के कीड़े पड़ चुके थे। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ये भी पता नहीं लगा सके कि उसके ऊपर कोई केमिकल डाला गया था या सिर्फ पेट्रोल या डीजल से उसका ये हाल किया गया। डॉक्टरों ने उसका विसरा सुरक्षित रखा है। जिसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा।

बेटे के शव पर फफक पड़ा पिता
बेटे की मौत पर बदहवास पिता अशोक कुमार को जैसे ही शव सौंपा गया, वह फफक पड़ा। पिता का कहना था कि ज्योति हत्याकांड के तुरंत बाद बेटा जेल चला गया था। अभी दो सितंबर को ही वह आया था। वह इतनी जल्दी छोड़ कर चला जाएगा ऐसा सपने भी नहीं सोचा था। पिता ने ज्योति के परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया। उनका कहना था कि उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। जेल से आने के बाद वह अपने काम से काम रखता था और काम खत्म कर शाम होने से पहले ही घर आ जाता था। सुसाइड नोट के बारे में उन्होंने कहा यह सोची समझी चाल है। बेटे ने किसी तकलीफ का जिक्र नहीं किया। न ही उसे किसी तरह की कोई दिक्कत थी।

शव को सड़क पर रखकर किया हंगामा
शिवकटरा निवासी अमित कुमार का शव सोमवार की दोपहर को पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा। हंगामे की आशंका के चलते अमित के घर पर पहले से ही पुलिस बल तैनात था। लगभग साढ़े चार बजे जब परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को ले जाने लगे तो जीटी रोड पर पहुंचकर उन्होंने शव रखकर जाम करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने शव को सड़क पर रखने नहीं दिया और धक्का मुक्की के साथ शव को दूसरे वाहन से अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया। इसके बाद महिलायें सड़क पर बैठ गईं और जाम लगा दिया। उनकी मांग थी कि करीब 15 दिन पहले उनका बेटा जेल से रिहा होकर आया था। शनिवार को वह कोर्ट में तारीख पर गया था। लेकिन उसके बाद से घर नहीं लौटा था। परिजनों का आरोप है कि ज्योति की हत्या के बाद उसके परिजन लगातार अमित को उसी तरह से हत्या कर जला देने की धमकी दे रहे थे।

ज्योति के परिजनों पर आरोप
परिजनों का कहना है कि अमित की हत्या ज्योति के परिजनों ने ही की है। उनकी पुलिस गिरफ्तारी करे। वे हाथ में तख्तियां लेकर हंगामा करते रहे। करीब आधा घंटा तक जीटी रोड की दोनों लेन पर जाम लगा रहा। फिर पुलिस ने परिजनों को सड़क के किनारे कर जाम खुलवाया। कार्रवाई किये जाने का आश्वासन भी दिया। थाना प्रभारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि अमित के परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी।

दोनों मामलों की विवेचना के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। मृतक युवती की दोबारा जांच की जाएगी। वहीं एसआईटी अमित की हत्या की भी विवेचना करेगी। दोनों मामले आपस में जुड़े हैं। इस कारण विवेचना एक ही एसआईटी कर रही है। जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बीपी जोगदंड पुलिस कमिश्नर