कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू से एफिलिएटिड कॉलेजों में न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) लागू हो चुकी है। एनईपी के तहत ही यूजी और पीजी क्लासेस की पढ़ाई हो रही है। लेकिन इससे जुड़ी कई अहम चीजें न स्टूडेंट्स को पता है और न ही कॉलेज मैनेजमेंट को। एनईपी के अनुसार पीजी लास्ट ईयर में स्टूडेंट्स को रिसर्च डिसर्टेशन फाइल करना होता है लेकिन कोर्स पूरा होने तक स्टूडेंट को डिसर्टेशन का मतलब ही नहीं बताया। एग्जाम होने वाले हैं और स्टूडेंट्स को पता ही नहीं है कि वह रिसर्च डिसर्टेशन को कैसे बनाएंगे।

प्रोसेस ही नहीं समझाया
4 अप्रैल को यूनिवर्सिटी की डीन एकेडमिक की ओर से रिसर्च डिसर्टेशन को लेकर गाइडलाइन रिलेटेड लेटर जारी होने के बाद कॉलेज के टीचर एक्टिव हुए और स्टूडेंट को डिसर्टेशन बनाने को कहा है। ऐसे में वह स्टूडेंट, जिनको टीचर ने पूरे कोर्स में डिसर्टेशन बनाने का प्रोसेस ही नहीं समझाया, वह प्रॉब्लम में आ गए हैं। डिसर्टेशन जमा करने की लास्ट डेट 30 अप्रैल है और स्टूडेंट को 12 से 14 दिन पहले 50 से 100 पेज का डिसर्टेशन बनाने को कहा जा रहा है। हालांकि शहर के कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जिन्होंने पहले ही स्टूडेंट्स को डिसर्टेशन बनाने को बोल दिया था। टॉपिक एलाट किया और टीचर्स के मेंटरशिप में स्टूडेंट ने डिसर्टेशन बनाने का काम कर भी लिया है।

स्टूडेंट को भेज रहे मैसेज
कॉलेज के टीचर्स की ओर से डिसर्टेशन बनाने को लेकर स्टूडेंट को ग्रुप्स में मैसेज किए जा रहे हैं। मैसेज में साफ लिखा जा रहा है कि इसको जमा करने की लास्ट डेट 30 अप्रैल है ऐसा न करने की स्थिति में रिजल्ट में फेल लिख कर आएगा। इस मैसेज के बाद पूरे सेशन भर डिसर्टेशन के बारे में न जानने वाले स्टूडेंट जमकर परेशान हैं। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि इतनी जल्दी क्या और कैसे करें। टीचर्स के पास रास्ता खोजने के लिए आ रहे हैैं।

यूनिवर्सिटी ने जारी की गाइडलाइन
रिसर्च डिसर्टेशन को लेकर यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक डॉक्टर बृष्टि मित्रा की ओर से 4 अप्रैल को गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन में फोंट साइज, पेज और सॉफ्ट कॉपी के साइज आदि को बताया गया है। इसके अलावा यह भी क्लियर कर दिया गया है कि अपलोड करने से पहले प्लेगिरिज्म चेक करना होगा और प्लेगिरिज्म सर्टिफिकेट को लगाना होगा। बताते चलें कि प्लेगिरिज्म सर्टिफिकेट वह होता है जो कि किसी भी कंटेंट में कंटेंट की चोरी आदि को बताता है। इसके अलावा यह भी बताया है कि इवैलुएशन किस तरीके से किया जाएगा।


इस तरह से बनवाया जाता है डिसर्टेशन
रिसर्च डिसर्टेशन को लघु शोध प्रबंध कहा जाता है। इसमें टीचर की ओर से स्टूडेंट द्वारा बताए गए किसी एक टॉपिक को एलाट किया जाता है, इसके बाद स्टूडेंट इस सब्जेक्ट पर रिसर्च करके डिसर्टेशन रेडी करता है। रिसर्च के समय टीचर की ओर से स्टूडेंट की मेंटरशिप की जाती है।


कोर्स और सिलेबस में बहुत पहले से ही डिसर्टेशन को क्लियर कर दिया गया था। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में भी इसकी जानकारी अपलोड है। कॉलेज के टीचर्स को शुरुआत से ही इस पर ध्यान देना चाहिए।
डॉ। बृष्टि मित्रा, डीन एकेडमिक्स सीएसजेएमयू


-4 अप्रैल को डीन एकेडमिक गाइडलाइन रिलेटेड लेटर जारी किया
-30 अप्रैल है रिसर्च डिसर्टेशन को जमा करने की लास्ट डेट
- 50 से 100 पेज का डिसर्टेशन बनाने को कहा जा रहा
- 12 से 14 दिन में कैसे बनेगा डिसर्टेशन, स्टूडेंट हो रहे परेशान