-आधा दर्जन राज्यों में नेटवर्क फैला चुके थे, कई लोग संपर्क में थे

-मोबाइल पर बात करने के बजाय सोशल मीडिया के जरिए टच में रहते थे

-मीटिंग करने के लिए शहरों में जाते थे, पूछताछ में खुलासा हुआ

KANPUR : शहर से पकड़े गए खुरासन मॉड्यूल के गुर्गो का आधा दर्जन राज्यों में नेटवर्क फैला है। इसकी पुष्टि खुद एटीएस के हत्थे चढ़े गुर्गो ने एटीएस की पूछताछ में की है। उनका इरादा पूरे देश में खुरासन मॉड्यूल को खड़ा करने का था। इसके लिए वे अलग-अलग राज्यों में जाकर लोगों को जेहाद के नाम पर बहकाते थे। उनके संपर्क में अलग-अलग राज्यों के दर्जनों नवजवान हैं। वे उनसे लगातार टच में रहते थे। अब एटीएस उनके पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। इसके लिए एटीएस ने उनको पूछताछ के लिए रिमाण्ड पर ले लिया है।

इन राज्यों में जा चुके है गुर्गे

तेलांगना और यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े गुर्गो का जम्मू कश्मीर, एमपी, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा के कई शहरों में आवागमन था। इसकी पुष्टि एटीएस के एक अफसर ने भी की है। ये संदिग्ध खुरासन मॉड्यूल के गुर्गे थे। इससे माना जा रहा है कि ये संदिग्ध शहरों में मॉड्यूल का नेटवर्क फैलाने जा रहे थे। इनके संपर्क में इन राज्यों के दर्जनों नवजवान भी हैं। इसमें से ज्यादातर स्टूडेंट हैं, जिन्हें इन लोगों ने जेहाद के नाम पर बहका दिया है। अब वे मॉड्यूल के लिए काम कर रहे हैं।

सोशल मीडिया से टच में रहते थे

एटीएस को गुर्गों के अलग-अलग राज्यों में जाने के तो सबूत मिल गए हैं, लेकिन उनको लोगों से बात करने के सबूत जुटाने में दिक्कत आ रही है। एक अफसर के मुताबिक एटीएस के हत्थे चढ़े संदिग्ध बेहद शातिर हैं। वे पढ़े-लिखे हैं, उन्हें मालूम था कि अगर वे मोबाइल पर बात करेंगे तो पकड़े जा सकते हैं। इसलिए वे सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे से टच में रहते थे। वे मोबाइल पर बात करने के बजाय वाट्स-अप समेत अन्य मैसेंजर में मैसेज भेजकर चैटिंग करते थे। इससे उनकी बातचीत के सबूत जुटाने में दिक्कत आ रही है।

फेक आईडी बना रखी है

ये संदिग्ध बेहद शातिर है। इन लोगों ने फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट पर असली नाम से अकाउन्ट नहीं बनाया है। बल्कि ये लोग एक दूसरे से बात करने के लिए फेक आईडी यूज करते हैं। इनमें से कुछ लोगों ने जांच एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए दूसरी कौम के नाम पर फेक आईडी बना रखी है। इसकी पुष्टि गौस मोहम्मद के दूसरे नाम से हो सकती है। उसने जिस तरह से जांच एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए करण खत्री के नाम से आईडी बना रखी है। उसी तरह से इन गुर्गों ने भी फेक आईडी पर अकाउन्ट खोल रखा है।

रिमाण्ड पर खुलेगा राज

एटीएस ने पूछताछ के लिए हत्थे चढ़े आतंकियों का कस्टडी रिमाण्ड ले लिया है। अब एटीएस उनसे अलग-अलग और आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी, जिसमें इनके नेटवर्क का खुलासा होने के साथ ही साथियों के ठिकाने का पता चलने की उम्मीद है।

बैंक खातों से खुलेगा फंड का राज

यूपी को दहलाने की साजिश करने वाले खुरासन मॉड्यूल के गुर्गों को फंड कहां से मिलता था? अब एटीएस इसका पता लगाने में जुट गई है। एजेंसियों का मानना है कि उनके अकाउंट से फंड का राज खुल जाएगा। इसके लिए एटीएस समेत अन्य जांच एजेंसियों ने संदिग्ध आतंकी और उनके परिजन समेत रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट को खंगालने की तैयारी की है। एजेंसियां उनके अकाउंट का पांच साल का स्टेटमेंट देखेगी, ताकि यह पता लगाया जा सकें कि उनके अकाउंट में कहां से पैसा आया?

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लाखों की चोरी भी राडार में आई

एटीएस की जांच में गुर्गो के लूट समेत अन्य अपराधिक वारदात कर फंड जुटाने की बात सामने आई है। जिससे पुलिस पिछले कुछ महीनों हुई वारदातों को हत्थे चढ़े संदिग्ध युवकों से जोड़कर देख रही है। इसमें चकेरी में मोबाइल शॉप में एक महीने में दो बार हुई लाखों की चोरी भी है, जिसमें एक वारदात करीब ढाई महीने पहले हुई थी और उसी समय आतिफ, सैफुल्लाह समेत अन्य संदिग्ध शहर छोड़कर गए थे। इससे जांच एजेंसियों को चोरी की वारदात में इन गुर्गों के शामिल होने का शक है। फिलहाल इसकी अभी पुष्टि नहीं है।