-नगर निगम के बर्थ-डेथ डिपार्टमेंट में बीते 1 साल से 800 से ज्यादा सर्टिफिकेट पड़े हैं पेंडिंग, लोग काट रहे हैं चक्कर

-ज्यादातर के फॉर्म हुए गायब, डीएम परमीशन के लिए 2021 के आवेदन किए जा रहे हैं वापस, कोई सुनवाई नहीं

KANPUR: मरने के बाद भी नगर निगम लोगों को 'चैन' से रहने नहीं दे रहा है। क्योंकि मरने वाला व्यक्ति तब तक मरा नहीं माना जाएगा जबकि इस बात का सर्टिफिकेट न हो। यानि डेथ सर्टिफिकेट। और ये सर्टिफिकेट बनाता नगर निगम का जन्म-मृत्यू पंजीकरण विभाग। अपने कारनामों के कारण ये विभाग हमेशा ही सवालों के घेरे में रहता है। वर्तमान हालात ये हैं कि डेथ सर्टिफिकेट के लिए 800 से आवेदन पेंडिंग हैं। मरने वालों के परिजन सर्टिफिकेट पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन हर बार निराश होकर लौटना पड़ता है। डेथ सर्टिफिकेट न बनने से कई जरूरी काम लटके हुए हैं।

800 से ज्यादा आवेदन पेंडिंग हैं और लोग डेथ

डीएम परमीशन भी नहीं

दरअसल, डेथ होने के 21 दिन बाद आवेदन करने पर डॉक्यूमेंट डीएम परमीशन के लिए जाते हैं। यहां प्रभारी मजिस्ट्रेट की परमीशन के बाद ही सर्टिफिकेट बनता है। कई बार आवेदन जांच के लिए भी थाने भेजे जाते हैं। इसमें स्थानीय थाने या चौकी की रिपोर्ट भी लगाई जाती है। सैकड़ों की संख्या में आवेदन पेंडिंग हैं और हर रोज 40 से 50 नए आवेदन आ रहे हैं। ऐसे में प्रभारी मजिस्ट्रेट ने नए आवेदनों को परमिट करने से मना कर दिया है। इससे नए आवेदनों के साथ पुराने आवेदक भी चक्कर लगा रहे हैं। ईयर-2019 से डेथ सर्टिफिकेट के वो आवेदन पेंडिंग हैं जो डेथ के 1 महीने बाद आवेदन किए गए। इसमें वो आवेदन भी शामिल हैं जो लॉकडाउन के दौरान बंद लिफाफे में लिए गए।

लॉकडाउन में आए आवेदन पेंडिंग

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अजय संखवार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बंद लिफाफे में करीब 1500 से ज्यादा आवेदन आए थे। इसमें ज्यादातर आवेदन में कई गड़बडि़यां थीं। उन्हें डाक टिकट से दिए गए एड्रेस पर भेजने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कर्मियों ने लापरवाही दिखाई है। एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा डीएम परमीशन में पुरानी पेंडेंसी खत्म करने के लिए तेजी से कार्य कराया जा रहा है।

केस-1

दबौली निवासी विद्यावती का देहांत 31 जनवरी 2020 को हो गया था। आवेदक व बेटे जय प्रकाश शुक्ल ने आवेदन मार्च-2021 में किया। आवेदन के बाद डॉक्यूूमेंट डीएम परमीशन के लिए भेजा गया। विभाग द्वारा बताया गया कि डीएम परमीशन अभी नहीं हो पाएगी। दोबारा फिर कागज भेजा गया है।

केस-2

शास्त्री नगर निवासी श्यामू श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी दादी की डेथ 6 महीने पहले हुई थी। लेकिन आवेदन करने के बाद भी अभी तक डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिल सका है। कारण स्पष्ट नहीं बताया जा रहा कि आखिर क्यों सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है। तब से लेकर अब तक भटक रहा हूं।

डेथ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी बातें

-फॉर्म-4क, फॉर्म नंबर-2 और डॉक्टर द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट

-आवेदन के लिए घाट पर मिली दाह संस्कार की मूल कॉपी

- मृतक और रिलेटिव दोनों की आधार आईडी

- 22वें दिन से फीस और एफिडेविट भी लगता है

इस प्रकार लगती है फीस

- 21 दिन के अंदर आवेदन करने पर फ्री बनता है

- 22वें दिन से 3 महीने तक 2 रुपए और एफिडेविट

- 3 महीने से 1 साल तक 5 रुपए और एफिडेविट

-1 साल से अधिक पर 10 रुपए और एफिडेविट

डेथ सर्टिफिकेट के लगभग 800 आवेदन पेंडिंग हैं। कई में गड़बडि़यां हैं तो कई आवेदन काफी पुराने हैं। समय से निस्तारित करने का तेजी से प्रयास किया जा रहा है।

-डा। अजय संखवार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम।