आईआईटी के मास्टर ऑफ डिजाइन डिपार्टमेंट में दो दिवसीय वर्कशॉप शुरू

KANPUR: व‌र्ल्ड में सेकेंड लार्जर लेदर एक्पोर्ट इंडिया से किया जा रहा है। व‌र्ल्ड की शू इंडस्ट्री में भारत की भागीदारी करीब 13 परसेंट हैं। इंडिया की लेदर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। लेकिन लेदर इंडस्ट्री के कारीगरों की स्किल डेवलप करनी होगी ताकि रिजल्ट और बेहतर मिल सके। यह विचार आईआईटी के एमडेस डिपार्टमेंट में आयोजित दो दिवसीय लेदर स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम मे एक्सपर्ट ने व्यक्त किए।

लेदर का इतिहास 7 हजार साल पुराना

वर्कशाप के चेयरमैन आईआईटी एयरो स्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डीपी मिश्रा ने लेदर के 7 हजार साल पुराने इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यजुर्वेद में भी लेदर का जिक्र मिलता है। लेदर की फील्ड में ग्रोथ काफी तेजी से हो रही है। भारत दूनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। दिल्ली से आई मेघा अवस्थी ने बताया कि इयर 2014-15 के में इंडिया ने 6.5 बिलियन डॉलर का लेदर प्रोडक्ट का निर्यात किया। गवर्नमेंट भी लेदर इंडस्ट्री पर फोकस कर रही है। एफडीडीआई कोलकाता के सत्की रॉय ने हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने देश भर के हैंडीक्राफ्ट की डिजाइन भी वर्कशाप में दिखाई। एमडेस के सीनियर प्रोफेसर सत्की रे ने आए हुए गेस्ट का इंट्रोडक्शन दिया। इस मौके पर झुमकी अयंगर, प्रभात कुमार, पंकज राठौर मौजूद रहे।