कानपुर (ब्यूरो) डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि आईआईटी कैंपस में बनाए गए हाइड आउट में रात करीब 2 बजे तेंदुआ बेहद तेजी से निकला। टीम ट्रैंकुलाइजर गन भी नहीं चला पाई। फिलहाल टीम को अब तेंदुए के लगातार आईआईटी से राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के बीच आने जाने का पता चला है। उसे ट्रैस किया जा रहा है।

3 बार हुआ आमना-सामना
तेंदुआ पकडऩे के लिए बनाई गई टीमों को तेंदुए से 3 बार आमना-सामना हुआ है। 2 बार तेंदुआ आईआईटी और एक बार एनएसआई कैंपस में आमना-सामना हुआ। लेकिन तीनों बार टीम को नाकामी ही हाथ लगी है। वहीं पकडऩे के लिए लगाए गए पिंजड़े में एक बार भी तेंदुआ नहीं घुसा।

पीछा करने से बदल रहा रास्ता
डीएफओ ने बताया कि शुरू में तेंदुए का जितना पीछा किया गया, उसने उतनी बार अपना रास्ता और रुकने का स्थान बदल लिया। यही वजह है कि अब उसका पीछा करने के बजाय एक जगह छुपकर उसे पकडऩे का प्लान बनाया गया है। 3 दिन में वह पांच बार निर्धारित रूट पर ही आना जाना कर रहा है।

वन विभाग की ये बड़ी चूक
-टीमें शोर मचा कर कॉम्बिंग कर रही हैं
-कितने तेंदुए हैं, विभाग इसकी पुष्टि तक नहीं कर पाया है।
-तेंदुए के रूट को ट्रेस करने में विभाग ने बहुत देरी की।
-पिंजड़े को सही लोकेशन में नहीं लगाया, एक बार भी तेंदुआ पिंजड़ों के पास नहीं आया।
-टीमें घने जंगलों में कॉम्बिंग करने नहीं जा रही।