-गोविन्दपुरी में आरपीएफ सिपाही की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

- डेरापुर कस्बा निवासी था, यहां पर बैरक में रहता था, पेट्रोलिंग पर निकला था

- पीडब्ल्यूआई के बरामदे में लहुलुहान मिला, कारबाइन से गोली लगने से मौत, प्रथम दृष्टया सुसाइड करने का अंदेशा

KANPUR: जवान पुलिस का हो या सेना का। उसको सिखाया जाता है कि वो हर मुश्किल से मुश्किल सिचुएशन में 'जंग' जीतेगा। कुछ ऐसा ही पाठ पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को भी सिखाया जाता है। इसी कैटेगिरी में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानि आरपीएफ के जवान भी आते हैं, लेकिन ट्यूजडे को गोविंदपुरी में आरपीएफ सिपाही ने खुद से हार मान ली। पेट्रोलिंग कर वापस आए जवान रामबाबू की अपनी ही कारबाइन से गोली लगने से मौत हो गई। भले ही अधिकारी कह रहे हैं कि जांच के बाद ही साफतौर पर कुछ कहा जा सकता है, लेकिन प्रथम दृष्टया साक्ष्य यही बता रहे हैं कि जवान ने सुसाइड किया है। वो खुद तो जिंदगी की जंग हार गया, लेकिन अपने पीछे पूरे परिवार को छोड़ गया जो उसकी याद कर कैसे खुद से लड़ पाएंगे? क्यों वो जवान खुद से हार गया, ये एक बड़ा सवाल है?

अब कभी नहीं लौटेगा

पोस्टमार्टम हाउस के गेट पर एक कोने में बैठे 79 साल के राजाराम को यकीन नहीं हो रहा है कि उसका 'जवान' बेटा रामबाबू अब इस दुनिया में नहीं है। बदमाशों को कई बार उसने हराया, लेकिन खुद से वो कैसे हार गया? ये सोचकर उनको गहरा सदमा लग गया। वो न तो कुछ बोल रहे थे और न ही कुछ समझ रहे थे। वो तो बस अपने लाडले के इस दुनिया में न होने के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। उनकी आंखों के आंसू सूख गए। क्योंकि पिछले कई घंटों से लगातार उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। बेटे की मौत पर एक पिता का क्या हाल हुआ? ये शायद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ ऐसा ही हाल उनकी पत्नी का भी है। उनके मासूम बेटे को तो पता भी नहीं है कि अब उसके पापा कभी घर नहीं आएंगे।

जांच के आधार पर कार्रवाई

मूलरूप से डेरापुर कस्बे में रहने वाले राजाराम का बेटा रामबाबू (36) आरपीएफ में सिपाही था। उसके परिवार में पत्नी रेनू, तीन बेटी प्रिंसी, नेहा, सृष्टि और बेटा स्पर्श है। वो सोमवार की देर रात साथी सिपाही के साथ पेट्रोलिंग करने के बाद पीडब्ल्यूआई के स्टोर पर पहुंचा था। यहां पर वो बरामदे में बैठा था कि अचानक उसकी खुद की कारबाइन से गोली चल गई। उसकी आवाज सुनकर साथी सिपाही दौड़कर मौके पर पहुंचा तो वो खून से सना बरामदे में पड़ा था। जिसे देख साथी सिपाही के होश उड़ गए। आनन फानन में वो आला अफसरों को जानकारी देकर अन्य सिपाहियों की मदद से उसको हैलट ले गया। जहां डॉक्टर्स ने उसको मृत घोषित कर दिया। प्रथम दृष्टया उसके अवसाद में सुसाइड करना प्रतीत हो रहा है। जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम भेजकर जांच शुरू कर दी। वहीं, आरपीएफ ने भी विभागीय जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम बना दी है। सीनियर कमांडेंट डीके मौर्या का कहना है कि जांच से ही सच्चाई का पता चलेगा। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सुसाइड का इशारा कर रही पीएम रिपोर्ट

रामबाबू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी ठुड्डी के नीचे गोली लगी है। गोली सिर को फाड़ते हुए निकल गई है। इससे साफ है कि सिपाही ठुड्डी के नीचे कारबाइन रखे था और गोली चल गई। रिटायर्ड सीओ जितेंद्र कश्यप के मुताबिक इसमें सुसाइड करने की संभावना ज्यादा प्रबल है। ठुड्डी के नीचे कारबाइन रखने के दौरान अचानक धोखे से गोली चलने की संभावना बहुत कम है।

छह जनवरी को छुट्टी से वापस आया था

रामबाबू यहां पर बैरक में रहता था, जबकि परिवार गांव में रहता था। उसकी बेटी का पांच जनवरी को बर्थडे था। वो बेटी का बर्थडे मनाने के लिए घर गया था। वो छह जनवरी को घर वापस आया था। इससे पहले वो दिसंबर में छुट्टी पर गया था। नाम न छापने की शर्त में साथियों ने बताया कि जब वो छह जनवरी को घर से वापस आया था। इसके बाद से ही वो अवसाद में चल रहा था। माना जा रहा है कि इसी अवसाद में उसने सुसाइड किया है।

पत्नी से बात करने के बाद दम तोड़ा

रामबाबू की मौत से उसका परिवार सदमे में है। साथियों ने उसकी पत्नी रेनू को पहले गोली लगने की जानकारी नहीं दी थी, बल्कि उन्होंने रामबाबू के हादसे में घायल होने की जानकारी दी थी। सिपाही ने जब रेनू को रामबाबू के घायल होने की जानकारी दी तो उनके होश उड़ गए। रेनू के मुताबिक फोन करने वाले सिपाही ने रामबाबू से उनकी बात कराई थी। जिसमें उसने खुद हादसे में घायल होने की जानकारी दी। उसको हैलट पहुंचने पर रामबाबू के गोली लगने के बारे में पता चला था।