- वर्ष 1998-99 में बनकर तैयार हुआ दुग्ध अवशीतन केंद्र बेमकसद

- वर्ष 2010 में बीएमसी प्लांट लगाकर भी चलाने की हुई कोशिश बेकार

FATEHPUR: खागा तहसील के संग्रामपुर सानी गांव में हाइवे किनारे स्थित दुग्ध अवशीतन केन्द्र में एक बार पुन: चहल-पहल की उम्मीदें बंधी हैं। वर्ष क्999 में बनकर तैयार हुए केन्द्र के चालू होते ही दूध की कमी व गुणवत्ता को लेकर मुश्किलें आनी शुरू हो गई थी। सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारियों की वजह से भी कई बार प्लांट बंद हुआ।

हाल ही में जनपद के दौरे पर आए दुग्ध विकास मंत्री राममूर्ति वर्मा से मिलकर सपा नेता ओमप्रकाश गिहार ने पुन: दुग्ध केन्द्र चालू करने की मांग की है। जिसमे विभागीय मंत्री ने डीएम व संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दरअसल तहसील क्षेत्र में दुग्ध उत्पादक किसानों की माली हालत सुधारने के लिहाज से पराग कोआपरेटिव फेडरेशन ने वर्ष क्997 में पहल की थी। वर्ष क्998-99 में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक में करोड़ो की लागत से प्लांट तैयार हुआ। दुग्ध अवशीतल केन्द्र को जैसे-तैसे तीन साल तक चलाया गया। इसके बाद गांव-गांव खुली डेयरी में किसानों के बकाए पैसे की समय से अदायगी न होने की वजह से दूध की आवक कम हुई। बाद में एकत्र किए जाने वाले दूध को चौडगरा भेजकर खागा स्थित प्लांट को बंद कर दिया गया। विभाग ने वर्ष ख्0क्0 में दो-दो हजार लीटर क्षमता के दो बीएमसी तथा जनरेटर व स्टाफ की व्यवस्था करते हुए प्लांट को एक बार पुन: चालू किया। निजी दूध डेयरी में किसानों को मिलने वाले दाम ने प्लांट को झटका दिया। एक साल तक गुलजार रहने के बाद प्लांट में पुन: सन्नाटा छा गया। गुरसंडी, एकौरा, शिवपुरी, लोधौरा, विजयीपुर, टेनी आदि आधा सैकड़ा गावों से दूध एकत्र करने का काम भी बंद हो गया। बताते हैं किसानों का बकाया भी संस्था ने समय से अदा नहीं किया। संग्रामपुर सानी स्थित प्लांट में सुरक्षा के लिहाज से पीआरडी के जवान उपकरण की देखरेख में लगे हुए हैं। बताते हैं नियुक्त इंचार्ज भी कभी-कभार आकर अपनी डयूटी पूरी कर लेते हैं। केन्द्र को पुन: चालू करने की मांग को इलाके के लोग अच्छा मानते हैं। साथ ही लोगों का यह भी कहना था जब तक विभाग सही नीति नही बनाएगा निरंतर प्लांट को चालू रख पाना मुश्किल होगा।