-लखनऊ में मुठभेड़ में मारा गया एमपी ट्रेन ब्लास्ट का आरोपी सैफुल्लाह जाजमऊ निवासी था

-पिता ने शव लेने से मना किया, कहा जो इस देश का नहीं, वो हमारा कैसे हो सकता है

-एटीएस ने सरेंडर के लिए परिजनों से बात भी कराई थी, लेकिन पुलिस पर चलाता रहा गोली

KANPUR :

लखनऊ में एटीएस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह (23) के पिता ने उसका शव लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि 'उस गद्दार से मेरा कोई रिश्ता नहीं है। जो देश का नहीं हुआ, वो हमारा कहां से हो सकता है। उसको तो अल्लाह भी माफ नहीं करेंगे। मुझे तो उसका पिता कहलाने में जिल्लत महसूस हो रही है.' यहीं उसके भाई खालिद का कहना है। उसने कहा कि हम लोग अमन पसंद लोग हैं। पता नहीं वो कैसे गलत रास्ते पर चला गया।

जिंदा पकड़ना चाहती थी एटीएस

एटीएस सैफुल्लाह को हर हाल में जिंदा पकड़ना चाहती थी, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया। इसकी पुष्टि सैफुल्लाह के परिजनों ने की है। भाई खालिद ने बताया कि एटीएस की टीम ने उसको सरेंडर कराने के लिए घरवालों से बात कराने की कोशिश की थी। इसके लिए उनकी एक टीम जाजमऊ स्थित उसके घर पहुंच गई। इधर, सैफुल्लाह ने जिस कमरे में खुद को बंद किया था, एटीएस ने वहां पर होल कर मोबाइल ऑन कर अन्दर फेंक दिया। मोबाइल पर सैफुल्लाह का भाई खालिद उसको घरवालों और अल्लाह का वास्ता देकर सरेंडर करने के लिए कह रहा था। खालिद के मुताबिक उसने सैफुल्लाह से कहा कि 'बेटा तुम गलत कर रहे हो। तुम अच्छे इंसान थे, फिर कैसे बिगड़ गए। तुम कमरे से हाथ निकालकर सरेंडर कर दो। यकीन करो, पुलिस वाले तुम्हें मारेंगे नहीं.'

जेहाद के लिए शहीद होना है

सैफुल्लाह का भाई उसको समझा रहा था, लेकिन सैफुल्लाह सरेंडर करने को तैयार नहीं था। बल्कि वो बोल रहा था कि मुझे जेहाद के लिए शहीद होना है। मैं इसके लिए तैयार हूं। मुझे कोई रोक नहीं सकता। करीब पंद्रह मिनट तक सैफुल्लाह के भाई की उससे बात होती रही, लेकिन वो बार-बार शहीद होने की बात बोल कर एटीएस और पुलिस पर गोली चला रहा था।

सऊदी जाना चाहता था

पिता सरताज के मुताबिक उन्होंने करीब तीन महीने पहले सैफुल्लाह को पीट दिया था। जिससे गुस्सा होकर वो घर से चला गया था। वो अपने साथ पासपोर्ट समेत अन्य सर्टिफिकेट भी ले गया था। इसके बाद उनकी उससे कोई बात नहीं हुई। उसका भाई के पास फोन आता था। जिससे उनको उसका हालचाल मिल जाता था। उसने छह मार्च को घर में फोन कर बताया था कि वो मुंबई में है और जल्द ही सऊदी अरब जाने वाला है। इसी बीच उनको सात मार्च को टीवी से पता चला कि वो आतंकी बन गया है और वो एटीएस से मुठभेड़ कर रहा है।

छूने नहीं देता था लैपटॉप

सैफुल्लाह ने कुछ महीने पहले लैपटॉप खरीदा था। जिसे वो किसी को छूने नहीं देता था। वो रात भर उसमें कुछ काम किया करता था। वो बोलता था कि इतने पैसे कमाऊंगा कि सब देखते रह जाएंगे।

.लेकिन यकीन नहीं हो रहा

परिजनों ने भले सैफुल्लाह की लाश लेने से मना कर दी, लेकिन उनको अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि वो आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया था। परिजनों का कहना है कि उसका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ। उसने आज तक किसी को नहीं मारा। वो अपने काम से मतलब रखता था। मोहल्ले में भी वो किसी से नहीं बोलता था। फिर वो कैसे बिगड़ गया। यह समझ में नहीं आ रहा है।